एसआरएस फाइनेंस लिमिटेड व उसके 7 निर्देशक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया बैंक की शिकायत पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।
आरोप लगाया जा रहा है कि बैंक की एसआरएस फाइनेंस लिमिटेड पर करीब 59 करोड़ की देनदारी बकाया है। सीबीआई मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया दिल्ली कनॉट सर्किल स्थित के उप महाप्रबंधक संजय मनोचा ने अपनी शिकायत में बताया कि एसआरएस फाइनेंस कंपनी के कॉरपोरेशन बैंक से ₹35 करोड़ का लोन ले लिया।
साल 2010 में बैंक की ओर से 10 करोड की लिमिट बना दी गई। जो साल 2011 में बढ़कर ₹25 करोड़ हो गई। इसके बाद 17 अप्रैल 2015 को उसकी लिमिट बढ़ाकर 35 करोड कर दी गई।
बता बताया जा रहा है ऐसा एसआरएस फाइनेंस कंपनी ने इन पैसों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपनी कंपनी बनाकर उनके माध्यम से यह पैसा ले लिया। उसके बाद बैंक को किसी प्रकार की कोई भी अदायगी नहीं दी गई। अब यह कॉरपोरेशन बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में समायोजित हो चुका है। उन्होंने बताया कि अभी तक एसआरएस फाइनेंस कंपनी की ओर से बैंक की दिन देनदारी अदायगी नहीं की।
जिसकी वजह से एसआरएस फाइनेंस कंपनी समय के साथ ब्याज समेत करीब ₹59 करोड़ तक पहुंच गया है। जानकारी के अनुसार आरोप है कि निर्देशकों ने एसआरएस फाइनेंस के नाम से करोड़ों रुपए का लोन का पैसा धोखाधड़ी से हड़प लिया है।
बैंक की ओर से मिली शिकायत के आधार पर सीबीआई ने 24 मार्च 2011 को सेक्टर-12 स्थित एसआरएस फाइनेंस लिमिटेड एसआरएस ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल, निर्देशक अंकित सचदेवा, निर्देशक नवीन कुमार, निर्देशक विशाल बंसल, निर्देशक योगेश कुमार, निदेशक नरेश गोयल व राजीव यादव समेत कुछ अन्य लोग शामिल है। सीबीआई के द्वारा विभिन्न धाराओं में ऐसा फाइनेंस लिमिटेड के साथ निर्देशक के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।