मानव प्रजाति जानलेवा बीमारियों के इर्द-गिर्द घूम रही है। प्रदेश में लगातार महामारी के मामले तो बढ़ते ही जा रहे हैं लेकिन कैंसर से अधिक खतरनाक बीमारी एसएमए हरियाणा में फैलने लगा है। राज्य में अब 25 बच्चों और युवाओं में एसएमए की शिकायत मिली है। यह अनुवांशिक यानी जेनेटिक बीमारी है। इस बीमारी का इलाज बहुत महंगा है।
इसका इलाज आम आदमी के तो बस की ही बात नहीं है। इस बीमारे के इलाज में प्रयोग होने वाले इंजेक्शन की कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है। वह भी बिना सरकार की डिमांड के कंपनी यह दवा मरीज को उपलब्ध नहीं कराती है।
एक वर्ष पूर्व मानव जाति का परिचय महामारी संक्रामक बीमारी से हुआ। जब-जब हमारे सामने कोई नई लाइलाज बीमारी सामने आई है, तब-तब हमें यही लगा है कि इससे ज्यादा खतरनाक और कुछ नहीं। एसएमए बीमारी का शिकार बना 19 वर्षीय दिपांशु सरकारी मदद के लिए अंबाला छावनी के लोक निर्माण विभाग रेस्ट हाउस में आयोजित प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज के दरबार में पहुंचा।
महामारी ने जब अपने पांव पसारने शुरू किये तो मानव जाती को लगा कि इस से अधिक भयावह कुछ नहीं हो सकता लेकिन इससे ज्यादा भी कुछ भयावह हो सकता है। बहरहाल, समस्याएं सुन रहे विज के पीए ने सरकार से मदद दिलाने का भरोसा जताया। दीपांशु पढ़ाई के साथ साथ खेल कूद में बहुत अच्छा था। करीब चार साल पहले खेलते समय अचानक गिर गया। और खेलने से दूर रहने लगा। जब उसका पीजीआई में इलाज शुरू हुआ तो उसमें एसएमए की पुष्टि हुई।
इस बीमारी का इलाज काफी महंगा है। आम आदमी के तो यह बस की बात ही नहीं है। इसका इलाज अभी भारत में संभव नहीं है। जहां इसका इलाज होता है वहां एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड रूपए है। यानि इलाज इतना महंगा है कि शायद इंसान बीमारी से मरना ज्यादा बेहतर समझेगा।