HomeFaridabadइस तरीके से मनाए होली का त्यौहार, होलिका माता की होगी विशेष...

इस तरीके से मनाए होली का त्यौहार, होलिका माता की होगी विशेष कृपा

Published on

रंगों का त्योहार होली आज पूरे देश भर में मनाई जा रही है। फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाने वाला पर्व होली भारत में तीन दिनों तक मनाई जाती है। पहले दिन होलिका दहन, दूसरे दिन धुलेंड़ी यानी धूल या होलिका के राख की होली और तीसरे दिन रंगों की होली खेली जाती है।



होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
होलिका दहन का मुहूर्त- 28 मार्च रविवार को शाम में 6.37 बजे लेकर रात में 8.56 बजे तक
शुभ मुहूर्त का कुल समय- 2 घंटे 20 मिनट
इसी मुहूर्त में होलिका दहन करना अत्यंत शुभ होगा और इस साल होलिका दहन के समय भद्रा नहीं रहेगी. रविवार दिन में 1.33 बजे भद्रा समाप्त हो जाएगी, साथ ही पूर्णिमा तिथि रविवार रात में 12:40 बजे तक रहेगी। शास्त्रों की मानें तो भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में ही होलिका दहन किया जाता है।

इस तरीके से मनाए होली का त्यौहार, होलिका माता की होगी विशेष कृपा

ऐसे करें होली पूजन
होलिका दहन से पहले उसकी पूजा की जाती है. पूजन सामग्री में एक लोटा गंगाजल, रोली, माला, अक्षत, धूप या अगरबत्ती, पुष्प, गुड़, कच्चे सूत का धागा, साबूत हल्दी, मूंग, बताशे, नारियल एवं नई फसल के अनाज गेंहू की बालियां, पके चने आदि होते हैं. इसके बाद पूरी श्रद्धा से होली के चारों और परिक्रमा करते हुए कच्चे सूत के धागे को लपेटा जाता है. होलिका की परिक्रमा तीन या सात बार की जाती है. इसके बाद शुद्ध जल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को होलिका को अर्पित किया जाता है. इसके बाद होलिका में कच्चे आम, नारियल, सात अनाज, चीनी के खिलौने, नई फसल इत्यादि की आहुति दी जाती है.



होली की पौराणिक कथा
पुराणों के अनुसार जब दानवराज हिरण्यकश्यप ने देखा कि उसका पुत्र प्रह्लाद सिवाय विष्णु भगवान के किसी अन्य की पूजा नहीं करता, और उन्हें ही सबसे शक्तिशाली मानता है, तो उसने गुस्से में उसे सजा देने की ठानी। उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए; ताकि प्रह्लाद जलकर भस्म हो जाए।

इस तरीके से मनाए होली का त्यौहार, होलिका माता की होगी विशेष कृपा

होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसे अग्नि नुकसान नहीं पहुँचा सकती, इसलिए वो इसकेलिए तैयार हो गई। लेकिन जब अग्नि प्रज्जवलित हुई, तो भगवान विष्णु की कृपा से होलिका ही जलकर भस्म हो गयी, जबकि भक्त प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ। इसी घटना की याद में इस दिन होलिका दहन किया जाता है। भगवान अपने सच्चे भक्त की हमेशा रक्षा करते हैं।।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...