होली रंगों का त्योहार है लेकिन उस रंग में कितना केमिकल मिला हुआ है। इससे हम अनजान होकर होली बड़े धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन जब हम उन्हीं रंगों को पानी से धोते हैं। तो हमारे शरीर पर एलर्जी होने शुरू हो जाती है। जिसकी वजह से हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
होली पर हानिकारक रंगों से खेलने वाले लोगों में त्वचा एलर्जी बढ़ गई है। इसके अलावा अगर किसी को पहले से ही एलर्जी है और वह रंगों से होली खेल लेता है तो उसको और ज्यादा एलर्जी होने की संभावना बढ़ जाती है।
बीके अस्पताल के चर्म रोग विशेषज्ञ एसके गुप्ता ने बताया कि बाजार में रंगों को उन की चमक के हिसाब से खरीदते हैं। जिसकी वजह से वही चमक हमारे त्वचा पर कई प्रकार की एलर्जी को पनपने में मददगार साबित होते हैं। उन्होंने बताया कि होली के बाद यानी मंगलवार को ओपीडी में सबसे ज्यादा मरीज रंगों से होने वाली एलर्जी के आए हैं।
जिसमें स्किन एलर्जी वाला लाल दाने मरीजों में पाए गए हैं। इसके अलावा रंग और गंदे पानी से होली खेलने से खाज जैसी बीमारी उनकी ओपीडी में आए हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार की ओपीडी में 10 से 15 मरीज होली के रंग से होने वाली एलर्जी के आए हैं।
वहीं यह ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अगर हम बात करें तो वहां पर भी करीब 30 से 35 मरीज रंगों से होने वाली एलर्जी वाले उपचार के लिए आए हैं।
डॉ एसके गुप्ता ने बताया कि यह एलर्जी उनको आने वाले 2 से 3 दिन तक रहेगी। इसके लिए उनको दवाइयों के साथ साथ गोले का ज्ञानी नारियल का तेल लगाना चाहिए। ताकि उनको ज्यादा खुजली ना हो। क्योंकि ज्यादा खुजली करने की वजह से उनकी त्वचा छिल जाती है और लाल निशान कम होने की बजाय बढ़ जाते हैं।
इसलिए रंगों से होने वाली एलर्जी के मरीजों को समय रहते ले लेना चाहिए। वहीं उन्होंने बताया कि उनके पास कई पुराने मरीज आए है जिनको एलर्जी पहले से थी। लेकिन होली के रंग की वजह से उनकी एलर्जी बढ़ गई है। इसकी वजह से उनको धूप में निकलने में काफी परेशानी होती है। अगर वह मरीज धूप में निकल जाते हैं तो उनकी स्किन जलने लगती है। इसीलिए मंगलवार को उनके पास कई पुराने मरीज के उपचार के लिए आए हैं।