अवैध प्लॉटों, मकानों, दुकानों में 11वें स्थान पर पहुँचा फरीदाबाद

0
337

अर्बन एरिआ डेवलपमेन्ट एक्ट 1975 ए का पिछले 4 वर्षों में बार-बार उल्लंघन हुआ है। वर्ष 2017 से 2020 के अंतराल नियमों के विरुद्ध करीब 50,000 मकानों, प्लॉटों, दुकानों आदि की रजिस्ट्री की गई। वैसे तो प्रतिदिन जमीनों के अनेकों मामले सामने आते हैं।

जिनमें कार्यवाही भी की जाती है। लेकिन इस मामले में किसी भी अधिकारी के खिलाफ सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि 200 से अधिक अधिकारियों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की जा चुकी है।

अवैध प्लॉटों, मकानों, दुकानों में 11वें स्थान पर पहुँचा फरीदाबाद

अर्बन एरिआ डेवलपमेन्ट एक्ट 1975 ए में हो रहे उल्लंघन का खुलासा गुरुग्राम में अवैध रजिस्ट्री के दौरान सामने आया। लॉकडाउन के दिनों में गुरुग्राम एक रजिस्ट्री का घोटाला पकड़ा गया तब अन्य कई मामले भी सामने आए।

हरियाणा राज्य की खट्टर सरकार द्वारा अपने पहले कार्यकाल 2016 – 17 के दौरान अर्बन एरिआ डेवलपमेन्ट एक्ट के नियम 7 ए मी संशोधन किया गया था। हरियाणा में अवैध प्लाटिंग और नियमों के विरुद्ध जमीनों की रजिस्ट्री के मामले 2016 – 17 के संशोधन के बाद ही बड़े।

अवैध प्लॉटों, मकानों, दुकानों में 11वें स्थान पर पहुँचा फरीदाबाद

गुरुग्राम में पकड़े गए रजिस्ट्री घोटाले के बाद संशोधन में वर्ष 2020 तक हुई रजिस्ट्रियों की जांच की सिफारिश रेवेन्यू मिनिस्टर दुष्यंत चौटाला से की गई। जिसके बाद सीएम की मंजूरी के बाद 6 मंडलों के आयुक्त द्वारा जांच के बाद रिपोर्ट रेवन्यू संजीव कौशल को दी।

कौशल ने रिपोर्ट को कंपाइल करके कार्रवाई के लिए दुष्यंत चौटाला के पास भेजा। दुष्यंत यह रिपोर्ट कार्रवाई की सिफारिश के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में भेज चुके हैं।

अवैध प्लॉटों, मकानों, दुकानों में 11वें स्थान पर पहुँचा फरीदाबाद

नियम 7 ए में वर्ष 2017 से 2020 तक 49 हजार 197 अवैध जमीनों की रजिस्ट्री हुई। इस प्रकार 4 वर्षों में प्रतिदिन 34 हजार से अधिक और महीने में करीब 1024 रजिस्ट्री नियमों का उल्लंघन करके की गई। आश्चर्य की बात है कि इन मामलों में कुल 1127 एफ आई आर ही दर्ज की गई।

सबसे अधिक घोटाले गुरुग्राम में पाए गए जबकि पंचकूला में सबसे कम मामले सामने आए। डिप्टी मिनिस्टर दुष्यंत चौटाला का कहना है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि रिपोर्टों की जांच की जा रही है तथा तहसीलों में पारदर्शिता के लिए नया सिस्टम भी लागू किया गया है।