भारत एक ऐसा देश है जहां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। जहां देश के कोने कोने में चाहे युवा हो बच्चा हो या फिर महिला सबके अंदर अपनी एक अलग प्रतिभा होती है जो दुनिया से अलग एक पहचान बनाने में सक्षम होती है।
कई बार ऐसा होता है कि यह प्रतिभा आपको केवल आपके जिले या फिर राज्य या फिर हो सकता है भारत तक ही दमखम दिखाने में सहायता कर पाती है मगर गुरुग्राम के अंतर्गत आने वाले सेक्टर 14 में रहने वाली शुभावी आर्य ने अब पूरे विश्व में अपने जिले का परचम लहराया है।
दरअसल, शुभावी विश्व की एकमात्र ऐसी छात्रा बनी हैं, जिनका कंप्यूटर साइंस में पीएचडी के लिए अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी में आरक्षित केवल एक सीट पर दाखिला हुआ है। इसके लिए उनको करीब ढाई करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिलेगी।
वह फिलहाल अमेरिका के मिनयापोलिस शहर में यूनिवर्सिटी ऑफ मिनीसोटा में बीएससी साइंस (कंप्यूटर साइंस एंड साइक्लॉजी) की अंतिम वर्ष की छात्रा हैं।पांच वर्षीय इस कोर्स में शुभावी कंप्यूटर साइंस में अपनी दो साल की मास्टर डिग्री पूरी करने के साथ-साथ पीएचडी भी करेंगी। इंडियाना यूनिवर्सिटी अमेरिका के ब्लूमिंगटन शहर में स्थित है।
यह यूनिवर्सिटी 100 साल पुरानी है, जिसकी स्थापना 1820 में हुई थी। इसका कैंपस करीब 1937 एकड़ में फैला है। यूनिवर्सिटी में विश्वभर से 43 हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। अमेरिका की इस यूनिवर्सिटी में विभिन्न क्षेत्रों के नौ नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर अध्यापन कर रहे हैं। इससे पहले शुभावी कनेडियन इंटरनेशनल स्कूल, सिंगापुर के मिडल इयर प्रोग्राम के तहत कक्षा 9 वीं और 10 वीं के दौरान भी 63 हजार सिंगापुर डॉलर की स्कॉलरशिप हासिल कर चुकी हैं।
वहीं जिला उपायुक्त डॉ. यश गर्ग ने शुभावी की इस उपलब्धि पर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं और कहा है कि ऐसे विद्यार्थी दूसरों के लिये प्रेरणा स्रोत होते हैं। शुभावी आर्य ने प्रारंभिक शिक्षा गुरुग्राम के डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर-14 में हासिल की और उसके बाद वे श्रीराम स्कूल गुरुग्राम की भी छात्रा रहीं।
उनके पिता जयबीर सिंह आर्य मौजूदा समय में भिवानी के जिला उपायुक्त हैं और वे गुरुग्राम में अतिरिक्त श्रमायुक्त, हरियाणा राज्य परिवहन गुरुग्राम डिपो के महाप्रबंधक, जीएमडीए में अतिरिक्त सीईओ सहित विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं।
वही उक्त छात्रा के माता-पिता ने अपनी बेटी की परिश्रम का बखान करते हुए बताया कि उन्हें बेहद खुशी है कि आज उनकी बेटी के कारण पूरे जिले का नाम पूरे विश्व विख्यात हुआ है। उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में भी उनकी बेटी इसी तरह उनका गौरव बढ़ाते रहें और उनका आशीर्वाद हमेशा उनकी बेटी के साथ बना रहेगा।