बिजली का नहीं हुआ था, टेंडर इसलिए रुका ऑक्सीजन प्लांट का काम

0
367

बीके अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए खुशखबरी थी कि ऑक्सीजन प्लांट सेंटर बनने वाला है। लेकिन टेंडर में कुछ कमी होने की वजह से उस प्लांट का कार्य पिछले कई महीनों से रुका हुआ है। जिसकी वजह से अस्पताल में आने वाले मरीजों को अभी कुछ समय और इस प्लांट का इंतजार करना होगा।

बीके अस्पताल के ओपीडी के पीछे खाली पड़ी जमीन पर ऑक्सीजन प्लांट बनाया जा रहा है। यह प्लांट करीब 3 करोड रुपए की लागत से बनाया जा रहा है।

बिजली का नहीं हुआ था, टेंडर इसलिए रुका ऑक्सीजन प्लांट का काम

जिसमें 1 करोड़ 84 लाख रुपए की लागत से भवन बनाया जाएगा जबकि सवा करोड़ रूपए की खरीद ऑक्सीजन बनाने के उपकरण की खरीद में खर्च होंगे। यह प्लांट भारत सरकार के दिशा निर्देशों पर बनाया जा रहा है। प्लांट में 500 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन आपूर्ति की क्षमता होगी।

सीएमओ डॉक्टर रणडीप सिंह पूनिया ने बताया कि बीके अस्पताल की इमरजेंसी व जनरल वार्ड में ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए पॉइंट तो बनेंगे है। लेकिन उसमें ऑक्सीजन कैलेंडर के जरिए आपूर्ति की जाती है। जिसकी वजह से कई बार अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी हो जाती थी।

बिजली का नहीं हुआ था, टेंडर इसलिए रुका ऑक्सीजन प्लांट का काम

लेकिन उसकी वजह से अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई घटना घटित नहीं हुई। ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की योजना केंद्र सरकार के द्वारा है। उन्होंने बताया कि अभी तक हरियाणा में 3 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हो चुके हैं। इसमें सोनीपत, हिसार और करनाल शामिल है।

फरीदाबाद चौथा ऐसा जिला बन गया है, जहां पर ऑक्सीजन प्लांट जा रहा है। ऑक्सीजन प्लांट के लिए भवन तो बना दिया गया है। लेकिन उसमें लगने वाली ऑक्सीजन मशीन अभी तक नहीं आई है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा केंद्र सरकार को इसका प्रपोजल किया जा चुका है। लेकिन अभी तक वहां से मशीनी नहीं है।

बिजली का नहीं हुआ था, टेंडर इसलिए रुका ऑक्सीजन प्लांट का काम

इस वजह से रुका काम

सूत्रों के अनुसार जब ऑक्सीजन प्लांट को लेकर टेंडर हुआ था। तो उसमें उसमें बिजली का टेंडर नहीं हुआ था। जिसकी वजह से काम को रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी टेंडर दोबारा से किया जाएगा और उसके बाद ही ऑक्सीजन प्लांट में जो भी काम रुका हुआ है। उसको पूरा किया जाएगा उस में कितना समय लगेगा यह अभी कहना मुश्किल है।