कारपेंटर को बना दिया कंपनी का मालिक, उसको पता ही नहीं कि वह करोड़ों की कंपनी का मालिक भी है

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अगर किसी व्यक्ति को घपला करना है तो वह कोई ना कोई तरीका निकाल ही लेता है। केंद्र सरकार के द्वारा टैक्स चोरी को रोकने के लिए जीएसटी को लागू किया गया। लेकिन उसके बावजूद भी लोगों ने जीएसटी को चोरी करने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं।

ऐसा ही एक घपला फरीदाबाद जिले में देखने को मिला है। जिसमें एक कारपेंटर जो कि अनपढ़ गवार है। उसको करोड़ की कंपनी का मालिक बना दिया है और उस कंपनी के द्वारा जीएसटी रिटर्न फाइल किया। जिसके बाद अधिकारियों के द्वारा उस फर्म का निरीक्षण किया गया तो पाया की वह फर्जी है और फर्म का नाम जिस व्यक्ति के नाम पर रखा गया है। उसको पता ही नहीं है कि वह एक करोड़ों की कंपनी का मालिक भी है।

कारपेंटर को बना दिया कंपनी का मालिक, उसको पता ही नहीं कि वह करोड़ों की कंपनी का मालिक भी है

वार्ड 5 फरीदाबाद के ईटीओ कम प्रॉपर ऑफिसर कुलदीप ग्रोवर के द्वारा थाना कोतवाली में पुलिस को दी शिकायत में बताया कि एनआईटी 1d 102 के पते पर डालचंद ट्रेडर के नाम से एक कंपनी रजिस्टर है। इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन 2 मार्च 2020 को हुआ था। जिसके मालिक डालचंद है। इस कंपनी के ग्राउंड फ्लोर पर एक कमरा बना हुआ है। जिसमें एक टेबल और दो चेयर रखी हुई है।

वही फर्स्ट फ्लोर पर डालचंद ट्रेडर का एक बोर्ड लगा हुआ है। यह मकान मनजीत सिंह के नाम पर है। जब अधिकारियों के द्वारा मनजीत सिंह से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि 12 फरवरी 2020 को डालचंद व उसके बीच में एक रेंट एग्रीमेंट हुआ था। जिसमें ₹7000 हर महीने किराया देने की बात की गई थी। मनजीत ने बताया कि डालचंद जो इस ट्रेडर कंपनी का मालिक है। उसको 12 फरवरी के बाद से आज तक इस मकान में देखा नहीं गया है।

कारपेंटर को बना दिया कंपनी का मालिक, उसको पता ही नहीं कि वह करोड़ों की कंपनी का मालिक भी है

उन्होंने अधिकारियों को रेंट एग्रीमेंट की कॉपी भी दिखाई। डालचंद प्रोपराइटर में भूड़ कॉलोनी फरीदाबाद का एड्रेस दिया हुआ है। अधिकारी 2 मार्च 2020 को उक्त स्थान पर गए। जहां पर उन्होंने पता करा तो वहां पर कोई डालचंद नाम का व्यक्ति रहता ही नहीं है। जांच के दौरान उनको पता चला कि गणेशी लाल ठेकेदार के पास एक कारपेंटर काम करता है। जिसका नाम डालचंद है।

वह उसको हर महीने ₹7000 सैलरी देता है। 3 मार्च 2020 को डालचंद को उक्त स्थान पर लेकर आए। जहां पर डालचंद ट्रेडर कंपनी बनी हुई है। तो उसने बताया कि उसको पता ही नहीं है कि उसके नाम से यहां पर एक कंपनी बनी हुई है।

कारपेंटर को बना दिया कंपनी का मालिक, उसको पता ही नहीं कि वह करोड़ों की कंपनी का मालिक भी है

कारपेंटर डालचंद ने बताया कि उसका एक परिजन है जिसका नाम है लालचंद व उसका बेटा है मोगली उन दोनों ने उससे कुछ समय पहले पैन कार्ड और आधार कार्ड लिया था। कहा था कि आप की सरकार के द्वारा ₹10000 पेंशन बनवा दूंगा। उन दोनों कागज पर उन्होंने मेरे साइन भी करवाए थे।

कारपेंटर को बना दिया कंपनी का मालिक, उसको पता ही नहीं कि वह करोड़ों की कंपनी का मालिक भी है

लेकिन उन कागजों का उन दोनों ने क्या करा इस बारे में उसको कोई जानकारी नहीं है। गणेशी लाल कांटेक्ट ने बताया कि डालचंद उनके यहां पर करीब 21 साल से काम कर रहा है। जिसका रिकॉर्ड उनके पास मौजूद है। डालचंद के डॉक्यूमेंट ओर एक बैंक अकाउंट भी खुलवाया गया है। जो कि सेक्टर 16 स्थित फेडरल बैंक में है।

अधिकारियों के द्वारा ब्रांच मैनेजर अहमद से पूरी जानकारी प्राप्त कर उसके अकाउंट को फ्रीज करवा दिया गया है। जो कि 3 मार्च 2020 को फ्रीज कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि डालचंद ट्रेडर की कंपनी का लेनदेन करीब 5 कंपनियों से था। जिसमें शक्ति एंटरप्राइजेज के साथ करीब 19 करोड़, एमपी के ट्रेडर के साथ 45 करोड़, बालाजी ट्रेडिंग कंपनी के साथ 33 करोड़, प्रिंस इंटरप्राइजेज के साथ 19 करोड़ व शक्ति एंड प्राइस के साथ 78 लाख रुपए का लेनदेन किया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।