सरकार के द्वारा लोगों की सुविधा के लिए काफी संख्या में पुल बनाए गए हैं। लेकिन उसके बावजूद भी लोग उन पुल का इस्तेमाल करने की बजाय अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए शॉर्टकट अपना लेते हैं। चाहे उस शॉर्टकट में उनकी जिंदगी को कोई नुकसान ही क्यों ना पहुंच जाए।
जिले में एक ऐसा पुल है जो कि सीवर लाइन की पाइप लाइन से बना हुआ है। कहने को तो वह सीवर लाइन की पाइप लाइन है। लेकिन लोगों सीवर लाइन को भी पुल बना लिया है। दिल्ली से सटे तिलपत के पास एक हरकेश नगर बस हुआ है। हरकेश नगर में रहने वाले लोग ज्यादातर बायपास ऑफ कर के बने राजीव नगर में नौकरी करते हैं ।
लेकिन हरकेश नगर को राजीव नगर पहुंचने के लिए करीब 1 किलोमीटर घूम कर बाईपास और फिर राजीव नगर पहुंचना पड़ता है। इसी 1 किलोमीटर दूरी को कम करने के लिए उनके द्वारा एक शॉर्टकट अपनाया जा रहा है। हरकेश नगर से बाईपास तक प्रशासन के द्वारा लोहे की बड़ी-बड़ी सीवर की पाइप लाइन को बिछाया गया है और उन सीवर की पाइप लाइन को जोड़ने के लिए बीच में एक लोहे की पटरी बनाई गई है।
हरकेश नगर में रहने वाले या फिर यूं कहें उसके आसपास रहने वाले लोगों के द्वारा उस 1 किलोमीटर के रास्ते को कम करने के लिए वह उस सीवर की पाइप लाइन को पुल समझ कर उससे क्रॉस करते है। सीवर की पाइप लाइन लोहे की बनी होने की वजह से काफी गल चुकी है। जिसकी वजह से वहां से गुजरने वाले लोगों अपनी जिंदगी पर खिलवाड़ करके वहां से गुजर रहे हैं।
जैसे कि आप फोटो में देख सकते हैं कि जो लोहे का जो पुल बना हुआ है बदल चुका है और जगह-जगह वह टूटा हुआ है। लेकिन उसके बावजूद भी लोगों को डर नहीं लगता है कि वह किसी हादसे का शिकार भी हो सकते हैं। जिसके चलते लोगो के नहर में गिरने की भी खबर भी सामने आती रहती है। हैरानी की बात ये है कि पुल कि इतनी बुरी हालात होने पर भी लोग अपनी लापरवाही से बाज़ आते नहीं दिखाई पड़ते है।
अगर हम पुलिस की बात करें तो वहां पर समय-समय पर पुलिस के द्वारा नाकाबंदी भी की जाती है। लेकिन उसके बावजूद भी पुलिस के द्वारा उन लोगों को रोका नहीं जाता है। हरकेश नगर के लोगों का कहना है कि वह अपने समय की बचत के लिए ऐसा करते है। क्योंकि सुबह के समय उनको ऑफिस जाने की जल्दी होती है। वहीं शाम के समय उनको घर जाने की जल्दी होती है। इसीलिए वह 1 किलोमीटर घूम के जाने की बजाय पाइप लाइन के पुल का इस्तेमाल करके जाते हैं।