कलपुर्जों की नगरी के रूप में विश्व भर में विख्यात फरीदाबाद की झोली ऐतिहासिक स्मारकों व मंदिरों से भी भरी हुई है। फरीदाबाद का इतिहास काफी मजबूत रहा है। फरीदाबाद को बाबा फरीद की नगरी भी कहा जाता है। ओल्ड फरीदाबाद में बाबा फरीद स्मारक स्थित है जिसका ऐतिहासिक महत्व है।
दरअसल, फरीदाबाद का अपना एक ऐतिहासिक महत्व भी रहा है। जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग स्मारक व मंदिर देखने को मिलते हैं वही ओल्ड फरीदाबाद में बाबा फरीद का स्मारक स्थित है। कहा जाता है कि बाबा फरीद ने ही फरीदाबाद नगरी को बसाया था। यहां पर बाबा फरीद की मजार भी बनी हुई है। इसके प्रति स्थानीय लोगों में बड़ी श्रद्धा है। मजार में पूजा करने के लिए प्रतिदिन अनेक श्रद्धालु आते हैं।
शेख फरीद या बाबा फरीद के मकबरे के संगमरमर से बने दो विशाल द्वार हैं। पूर्वी वाले दरवाजे को नूरी दरवाजा या प्रकाश का द्वार और उत्तरी दरवाजे बहिश्ती दरवाजा या स्वर्ग का द्वार कहा जाता है। मकबरे के अन्दर कपड़े या चद्दर से ढकी दो संगमरमर की गुफायें हैं। ये बाबा फरीद और उनके बड़े बेटे की कब्रें हैं। लोग यहाँ आते हैं और फूल चढ़ाते हैं। हालांकि महिलाओं को अन्दर जाने की मनाही है।
शहर का इतिहास माना जाता है कि फरीदाबाद की स्थापना सन 1607 ई. में जहांगीर के खजांची शेख फरीद ने की थी। उनका मकसद यहां से गुजरने वाले राजमार्ग की रक्षा करना था। यह दिल्ली से 25 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। फरीद ने यहां एक किला, एक तालाब व एक मस्जिद बनवाई। इसके बाद में यह बल्लभगढ़ के शासक के पास उनकी जागीर के तौर पर रहा।
यहां के शासकों ने सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे अंग्रेजों ने फरीदाबाद को अपने अधिकार में ले लिया। सन 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय फरीदाबाद अविकसित क्षेत्र था। देश के विभाजन के बाद पश्चिमी पंजाब व उत्तरी पश्चिमी सीमा प्रांत से विस्थापित परिवार फरीदाबाद में आकर बसे।
उसी दिन से 17 अक्टूबर 1949 को फरीदाबाद का स्थापना दिवस माना जाता है। इन लोगों ने इस नगर में व्यापक स्तर पर उद्योग-धंधे स्थापित कर इसे औद्योगिक नगरी का गौरव प्रदान किया।
कहां है बाबा फरीद का स्मारक
बाबा फरीद का स्मारक ओल्ड फरीदाबाद में स्थित है। ओल्ड फरीदाबाद पहुंचना बेहद ही आसान है। बाबा फरीद के स्मारक की कनेक्टिविटी काफी आसान है। अगर आप दिल्ली की तरफ से आ रहे हैं तो मेट्रो के माध्यम से ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर उतर कर किसी भी वाहन से वहां तक पहुंच सकते हैं वहीं अगर आप पलवल की तरफ से आ रहे हैं तो अपने निजी वाहन या किसी अन्य वाहन की सहायता से ओल्ड फरीदाबाद स्थित बाबा फरीद के स्मारक तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
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