Homeकिसानों को समझ आने लगी कृषि कानून की बारिकियां, घंटों में खेत...

किसानों को समझ आने लगी कृषि कानून की बारिकियां, घंटों में खेत से बिक रही हैं फसल

Published on

किसान आंदोलन अपने 150 दिन पूरे करने वाला है। आंदोलन नए कृषि कानूनों के विरोध में किया जा रहा है। किसानों नेताओं का कहना है कि यह कानून कृषि विरोधी हैं लेकिन कई किसानों का कहना है यह कानून उनके हक़ में है। एक तरफ नए कृषि कानून को लेकर किसान आंदोलन कर रहे है वहीं दूसरी ओर नए कृषि कानून की जमीनी हकीकत सामने आने लगी है।

दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान अपना शतक पहले ही लगा चुके हैं। कल तक जिन किसानों को अनाज बेचने के लिए मशक्त करनी पड़ती थी। मशक्त के बावजूद वो कीमत नहीं मिल पाती जिसके वो हकदार होते थे। नए कृषि कानून से तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है।

किसानों को समझ आने लगी कृषि कानून की बारिकियां, घंटों में खेत से बिक रही हैं फसल

तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए चंद किसान लगातार धरना दे रहे हैं। नए कृषि कानून से अन्नदाताओं की जिंदगी में बदलाव आने शुरू हो गए हैं। यह बदलाव कैसे आ रहे हैं राजस्थान के किसानों से सुनिए। ढोढसर गांव के किसान नए कृषि कानून से काफी खुश है। अनाज बेचने के लिए जो किसान कल तक दर-दर की ठोकरे खा रहे थे। आज उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई है।

किसानों को समझ आने लगी कृषि कानून की बारिकियां, घंटों में खेत से बिक रही हैं फसल

किसान अपनी जिद्द पर अभी भी अड़े हुए हैं। उनकी ज़िद्द के कारण रोज़ाना हज़ारों लोगों को तकलीफ हो रही है। हालांकि, नए कृषि कानून आने के बाद फसले न सिर्फ खेत से ही बिक रही है बल्कि किसानों को लागत से कही ज्यादा दाम मिल रहा है। फसलों को बाजार तक लाने-ले जाने से मुक्ति मिल गई है। क्षेत्र के व्यापारी किसानों तक पहुंच रहे है और वाजिब कीमत देकर अनाज ले जा रहे है।

किसानों को समझ आने लगी कृषि कानून की बारिकियां, घंटों में खेत से बिक रही हैं फसल

भारत लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र मेंधरना करने का अधिकार सभी को है लेकिन उस धरने के कारण आमजन की ज़िंदगी अस्त-व्यस्त कर देना यह कानून में नहीं है। किसान देश के साथ – साथ आमजन को भी घाव दे रहे हैं।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...