हरियाणा में बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण सरकार की निष्क्रियता व निकम्मापन : दीपेंद्र हुड्डा

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हरियाणा में बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है। रोजगार के कोई नए अवसर नहीं दिख रहे। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अब बेरोजगारी बढ़कर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुकी है।

बेरोजगारी के मामले में हरियाणा प्रदेश सबसे आगे चल रहा है। प्रदेश में बेरोजगारी की दर 28.1 प्रतिशत जो कि देश भर में सबसे ज्यादा है। दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश में बेरोजगारी का सबसे बड़ा जिम्मेदार सरकार को ठहराया।

हरियाणा में बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण सरकार की निष्क्रियता व निकम्मापन : दीपेंद्र हुड्डा

उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। तलाश करने पर भी उन्हें कोई नौकरी नहीं मिल रही। इस कारण वे तनावग्रसत भी रहते हैं क्योंकि उन्हें अपना जीवन अंधकार में नजर आता है। राज्य में ना केवल नई भर्तियां बल्कि फैक्ट्रियां भी बंद हैं।

उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार प्रदेश को रसातल की ओर ले जा रही है। युवाओं का जीवन पन्ना ग्रस्त व उनके भविष्य अंधकार में होने का सबसे बड़ा कारण सरकार की निष्क्रियता ही है।

हरियाणा में बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण सरकार की निष्क्रियता व निकम्मापन : दीपेंद्र हुड्डा

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि यदि इसी प्रकार बेरोजगारी बढ़ती रही तो आने वाली स्थिति और अधिक खराब व विस्फोटक हो सकती है। डिजाइन सरकार की नीतियों के चलते कोई निवेश के लिए भी तैयार नहीं है।

सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी खर्च पर बड़ी-बड़ी सम्मिट की गई, मंत्री और मुख्यमंत्री ने विदेशी दौरे किए ताकि बेरोजगारी को दूर कर अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके, लेकिन इन सबका परिणाम जीरो ही रहा।

हरियाणा में बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण सरकार की निष्क्रियता व निकम्मापन : दीपेंद्र हुड्डा

उन्होंने कहा कि सत्ताधारी नेता और मंत्री सरकारी खजाने से विदेशी दौरे के नाम पर सैर सपाटा करते रहे अपने देश की अर्थव्यवस्था का नुकसान होता रहा। इतना ही नहीं एक के बाद एक कई करोड़ों के घोटाले भी होते रहे जिसकी वजह से सरकारी खजाना भी खाली होता रहा।

क्योंकि खजाने में जाने वाला पैसा घोटालेबाजों की जेब में जाता रहा। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश ने राष्ट्रीय राजधानी को तीन तरफ से घेर रखा है, उसका बेरोजगारी दर में नंबर 1 पर होने का सबसे बड़ा कारण सरकार की निष्क्रियता व निकम्मापन ही है।