गंदगी में पढ़ने को मजबूर है जिले के इस सरकारी स्कूल के बच्चे, नही होती कार्यवाही

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शिक्षा विभाग एक तरफ जिले भर में मॉडल संस्कृति स्कूलों में दाखिले की तैयारी में है वहीं दूसरी तरफ जिले में पहले से चल रहे सरकारी स्कूल में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। ऐसा ही मामला झाड़सेतली से सामने आया है जहां प्राइमरी स्कूल के पास एक गंदे पानी का तालाब बना हुआ है जिससे तालाब का गंदा पानी स्कूल में आता है।

इस तालाब की वजह से प्राइमरी स्कूल में आने वाले बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं बरसात के दिनों में तालाब का गंदा पानी स्कूल के प्रांगण में भी प्रवेश कर जाता है ऐसे में स्कूल के अंदर गंदगी का माहौल बना रहता है। यह तालाब स्कूल की दीवार से बिलकुल सटा हुआ है जिससे स्कूल के कमरों की दीवारों पर सीलन आ गई है। ‌

गंदगी में पढ़ने को मजबूर है जिले के इस सरकारी स्कूल के बच्चे, नही होती कार्यवाही

यहां यह समस्या काफी लंबे समय से बनी हुई है परंतु प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नहीं है। स्कूल के आस-पास के क्षेत्र में सीवर कनेक्शन नहीं है जिससे आस-पास के सीवर का गंदा पानी यही तालाब में आकर इकट्ठा होता है।

आपको बता दें कि यह क्षेत्र का एकमात्र प्राइमरी स्कूल है जिसमें लगभग 500 बच्चे पढ़ने आते हैं ऐसे में यह तालाब की यह समस्या बच्चों के लिए भी काफी नुकसानदायक सिद्ध हो सकती है। यहां इस तालाब की वजह से मक्खी मच्छर भी पनपते हैं जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है।

गंदगी में पढ़ने को मजबूर है जिले के इस सरकारी स्कूल के बच्चे, नही होती कार्यवाही

प्राइमरी स्कूल की हेड मीनाक्षी जैन ने बताया कि इस विषय में कई बार नगर निगम कमिश्नर व शिक्षा विभाग में शिकायत दी जा चुकी है परंतु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि स्कूल के विषय में पार्षद को भी शिकायत दी जा चुकी है। पार्षद का कहना है कि एक निजी कंपनी के द्वारा इस तालाब के जीर्णोद्धार का काम होना है।