उपायुक्त यशपाल ने कहा कि मंडियों में गेहूं की आवक तेज हो चुकी है और यहां खरीद को लेकर किसानों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। मंडियों में किसानों के लिए पेयजल से लेकर साफ-सफाई और उठान को लेकर भी पूरी तरह से ध्यान रखा जाए। उपायुक्त गुरुवार को लघु सचिवालय के प्रथम तल स्थित कांफ्रेंस हाल में अधिकारियों के साथ गेहूं खरीद व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे।
उपायुक्त ने बताया कि आजकल अधिकतर किसान कंबाईन के जरिए गेहूं की कटाई करते हैं। ऐसे में जो सीजन पहले डेढ़ से दो महीने तक चलता था अब वह 15 से 20 दिन का हो गया है। उन्होंने कहा कि एक साथ कटाई होने से गेहूं की फसल भी एक साथ ही मंडियों में आती है। इससे मंडियों में सभी व्यवस्थाएं बेहतर करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मंडियों में जो भी गेहूं आए वह मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोटर्ल पर रजिस्टर्ड हो लेकिन इस बीच यह भी ध्यान रखें कि किसान अब किसी भी दिन अपनी फसल लेकर मंडी में आ सकता है। उन्होंने कहा कि मंडियों में उठान की व्यवस्था लगातार रखें और अगर कहीं कोई दिक्कत आती है तो इसकी सूचना भी उन्हें दें ताकि समस्या का स्थाई समाधान निकाला जा सके।
मीटिंग में अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन को लेकर किसानों की जो शिकायतें प्राप्त हुई हैं उन पर भी तुरंत कार्रवाई की जाए ताकि किसान समय से अपनी फसल बेच सकें।
उन्होंने सभी उपमंडल अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वह लगातार मंडियों का दौरा करें और प्रतिदिन प्रत्येक मंडी की रिपोर्ट भी लें। उन्होंने कहा कि मार्केट कमेटी सचिव मंडियों में सभी व्यवस्थाएं जिनमें बारदाना, लिक्रिटंग व दूसरी सुविधा हैं उन पर नजर रखें। सरसों खरीद की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि सरसों के लिए किसानों को सरकारी खरीद से ज्यादा दाम प्राईवेट में मिल रहे हैं। ऐसे में इस बार किसान सीधे व्यापारियों को ही महंगे दाम पर सरसों बेच रहे हैं।
मीटिंग में उपमंडल अधिकारी नागरिक परमजीत चहल, एचएसवीपी के कार्यकारी अधिकारी जितेंद्र कुमार, सीटीएम मोहित कुमार, आरटीए जितेंद्र गहलावत सहित सभी मार्केट कमेटी सचिव व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।