यह कोई जरूरी नहीं है कि जिसने वैक्सीन को लगाया है। वह पॉजिटिव नहीं हो सकता। यह डिपेंड करता है उस व्यक्ति की इम्युनिटी पावर पर। जिले में भी एक ऐसा केस सामने आया है।
जिसने वॉलिंटियर्स के तौर पर वैक्सीन ने पार्टिसिपेट किया था और वह अब पॉजिटिव हो गया है। जिसका इलाज ईएसआई मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है।
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के रजिस्ट्रार डॉ एके पांडे ने बताया कि कुछ समय पहले वैक्सीन को लेकर ट्रायल सेशन चल रहा था। जिसमें 1176 लोगों के द्वारा वॉलिंटियर्स उस ट्रायल सेशन में भाग लिया था। जिन लोगों ने भी ट्रायल सेशन में भाग लिया था। उनको दोनों डोज़ लगाई जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि जिन भी वॉलिंटियर्स को वैक्सीन की डोज लगाई गई है। उनमें से किसी को यह नहीं पता है कि उसको वैक्सीन लगाई गई है कि पानी लगाया गया है। इसीलिए अगर कोई पॉजिटिव पाया गया है। तो हो सकता है उसको पानी लगाया गया है। उन्होंने बताया कि उनके सेशन में भाग लेने वाले एक व्यक्ति जिसकी उम्र 45 साल है।
वह पॉजिटिव पाए गए हैं। जिनका उपचार बायोटेक के द्वारा ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उस व्यक्ति का पूरा इलाज बायोटेक के द्वारा ही किया जाएगा। क्योंकि जिस भी वॉलिंटियर वैक्सीन ट्रायल में भाग लिया है। उनको अगर आने वाले 6 महीने तक किसी प्रकार की कोई भी बीमारी से जूझना पड़ता है।
तो उसका पूरा उपचार बायोटेक कंपनी के द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि अगर वॉलिंटियर में से किसी भी व्यक्ति की किसी भी कारणवश मृत्यु हो जाती है। तो उसके परिजनों को उसके आमदनी के अनुसार इंश्योरेंस का पैसा भी दिया जाएगा। डॉक्टर ए के पांडे ने बताया कि जो व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया है।
उसने करीब 2 महीने पहले वैक्सीन की दूसरे डोज़ को लगवाया था। लेकिन उसके बाद उस व्यक्ति को किसी प्रकार की कोई भी समस्या नहीं हुई। पिछले कुछ दिनों से उसको बुखार व अन्य सिम्टम्स पाए जाने के बाद जब उसने कोविद का टेस्ट करवाया। तो उसमें वह पॉजिटिव पाया गया। उस व्यक्ति को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज के 10 फ्लोर पर बने कोविद सेंटर में भर्ती करवा दिया गया है।