महामारी ने देश समेत प्रदेश में त्राहिमाम मचा रखा है। महामारी से लगातार मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। महामारी के बीच हरियाणा में एक भयंकर रोग ने दस्तक दे दी है। हिसार में दो घोड़ियों और बहादुरगढ़ में एक एक खच्चर ग्लैडर्स बीमारी से ग्रसित मिले हैं। यह एक जीवाणुजनित रोग है, जो हर नस्ल और उम्र के गधे-घोड़ों के अलावा मनुष्यों में भी फैल सकता है।
इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। डॉक्टर भी इस बीमारी से बचने की सलाह देते हैं। यह काफी घातक बीमारी है। इसमें नाक लगातार बहती रहती है और शरीर पर जगह-जगह फोड़े निकल आते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसी स्थिति में संक्रमित पशु को वैज्ञानिक तरीक से मारना ही पड़ता है।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान हरियाणा में इस बीमारी ने अपने पांव खूब मजबूती से पसारे हैं। लुवास से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले बहादुरगढ़ के बाहमणौली गांव से ईंट भट्ठे पर काम करने वाले एक खच्चर के अलावा हिसार के स्थानीय इलाके से एक घोड़ी और एक शावक को जांच के लिए लाया गया था। तीनों की संक्रामक रोगों से ग्रसित थे। जांच की तो तीनों में ग्लैंडर्स जीवाणु का संक्रमण मिला।
इस बीमारी का इलाज न होने के कारण पशुओं को मार दिया जाता है। यह जानलेवा संक्रामक रोग है। घोड़ों से मनुष्यों में यह बीमारी आसानी से पहुंच जाती है। जो लोग घोड़ों की देखभाल करते हैं या फिर उपचार करते हैं, उनको त्वचा, नाक, मुंह और सांस के द्वारा संक्रमण हो जाता है। मनुष्यों में इस बीमारी से मांस पेशियों में दर्द, छाती में दर्द, मांसपेशियों की अकडऩ, सिरदर्द और नाक से पानी निकलने लगता है।
पहले महामारी ने ताबाही मचाई अब इस बीमारी का ख़तरा मंडरा रहा है। महामारी से लड़ा जा सकता है लेकिन फिर भी हम बेपरवाह होकर घूम रहे हैं। मास्क लगाना भूल चुके हैं।