नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कब्जाधारी किसानों को सरकार ने तगड़ा झटका दिया है। इस झटके को तथाकथित किसान झेल नहीं पा रहे हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारियों की ओर से लगातार किए जा रहे अवैध पक्के निर्माण पर दिल्ली पुलिस सख्त हो गई है। सिंघु बॉर्डर पर कराए जा रहे पक्के निर्माण पर पुलिस ने रोक लगा दी है।
किसानों ने अवैध निर्माणों की झड़ी लगा दी है। हर जगह अवैध निर्माण कर यह लोग देश को घाव दे रहे हैं। सिंघु बॉर्डर पर पक्का निर्माण कराया जा रहा था। सीमेंट के बड़े-बड़े ब्लॉक लगाकर उसे तीन ओर से तैयार भी कर दिया था। केवल एक ओर ब्लॉक लगाने व छत डालनी ही बाकी थी, लेकिन पुलिस कर्मचारियों ने देर रात को ही काम रुकवा दिया।
अपनी ज़िद्द पर दिल्ली को अपंग बनाकर बैठे किसान अपनी मनमानी कर रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं पर शतक लगा बैठे किसान अपनी जिद्द पर अभी भी अड़े हुए हैं। सिंघु बॉर्डर पर पक्का निर्माण कर रहे प्रदर्शनकारियों का दावा है कि निर्माण होकर रहेगा। इसे कोई नहीं रुकवा सकता। सिंघु ही नहीं, बल्कि टीकरी बॉर्डर पर भी किसानों पक्के निर्माण किए हैं।
इस आंदोलन में हर दिन किसानों की संख्या कम हो रही है। किसानों की ज़िद्द के कारण रोज़ाना हज़ारों लोगों को तकलीफ हो रही है। पक्के निर्माणों का लेकर किसानों का कहना है कि उन्होंने गर्मी से बचाव के लिए ऐसे किया है, तो कुछ आंदोलनकारी शासन-प्रशासन को चुनौती देते हुए कहते हैं कि वह आंदोलन स्थल पर पक्का निर्माण जारी रखेंगे।
अवैध ठिकानों का यह आंदोलन अब बनकर रह गया है। किसानों का कम और राजनीति का आंदोलन यह जान पड़ता है। किसान नेता अभी तक बोलते आ रहे थे कि यह आंदोलन राजनीती से दूर है। वही नेता इन दिनों बंगाल में ममता बनर्जी के समर्थन में वोट मांग रहे हैं। किसानों को बरगला कर इस आंदोलन को तूल दिया जा रहा है।