टोल टैक्स से बचने के उपाय आपने काफी तलाशे होंगे लेकिन सफल शायद नहीं हो पाए होंगे। लेकिन इस गांव के लोगों ने ऐसा काम किया है कि सरकार परेशान और हैरान हो गई है। जब से वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य किया गया है, रियायत को लेकर स्थानीय लोगों और टोल कंपनियों के बीच अक्सर झड़पें होती रहती हैं।
फास्टैग के काफी लाभ सरकार ने बताये हैं लेकिन फिर भी बहुत से वाहनों पर ये नहीं लगा है। कई जगहों पर स्थानीय लोगों की मांग है कि उन्हें एक अन्य विकल्प के रूप में टोल-फ्री सर्विस रोड बनाकर दी जानी चाहिए।
देश के हर कोने से टोल टैक्स को लेकर होने वाली झड़पों की घटनाएं सामने आती रहती हैं। काफी बार यह खूनी शकल ले लेती हैं। एक ऐसा ही मामला कर्नाटक के हेजामाडी टोल प्लाजा से सामने आया है। गांव के लोगों को पास वाले टोल बूथ से गुजरना पड़ता था, जो गांव की सीमा में आता है। एनयूटीपीएल ने एनएच टोलगेट पर गांव जाने वाले सभी वाहनों की मुफ्त आवाजाही रोक दी, तो गांव के लोगों ने पंचायत अध्यक्ष प्रणेश हेजामाडी से शिकायत की। बात अधिकारियों के सामने रखी, लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों का गुस्सा इस बात को लेकर बढ़ता जा रहा था। उन्होनें हार नहीं मानी। लगातार वो नए – नए प्रयास कर रहे थे। अधिकारियों ने गांव से यात्रियों को लेने के लिए आने वाली बसों को रियायत देने का वादा किया था, जिसे पूरा नहीं किया गया। रोज-रोज के झगड़े से परेशान गांव ने वालों ने टोल से बचने के लिए नया तरीका खोज निकाला है। जेसीबी की मदद से हेजामाडी गांव के लोगों ने टोल बूथ से बचने के लिए ग्राम पंचायत ने टोल बूथ के बगल से एक रोड बना दी।
टोल से बचने का यह अनोखा रास्ता है। ग्रामीणों की इस हरकत से प्रशासन परेशान है। लेकिन ग्रामीणों की भी यह मजबूरी रही। हालांकि ठेकेदार हेजामाडी ग्रामीणों के नाम पर पंजीकृत सभी वाहनों की मुफ्त आवाजाही की अनुमति देने पर सहमत हो गए। नई करार के तहत टोल अथॉरिटी ने ऐसे वहानों को छूट दी है जो गांव के पते पर पंजीकृत हैं।