किसानों व सरकार के बीच की कड़ी बंनेंगे गृहमंत्री, केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर कही यह बात

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केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ महीनों बाद हुए किसानों का आक्रोश कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जहां एक तरफ केंद्र व किसानों के बीच बंद पड़ी बातचीत को एक बार फिर शुरू करने के लिए हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज एक जनसंचार के रूप में कार्य करने को आगे आ गए हैं।

जिसके लिए बकायदा केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र भी लिख चुके हैं जिसमें उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि जल्द से जल्द बातचीत का नया दौर शुरू करवाया जाए। इतना नही विज द्वारा चिट्ठी में कोरोना का हवाला देते हुए यह बात भी कही गई है कि मुझे बार्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को भी बचाना है। कहीं उनकी वजह से हरियाणा मे कोरोना और न फैल जाए।

किसानों व सरकार के बीच की कड़ी बंनेंगे गृहमंत्री, केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर कही यह बात

विज ने पत्र में लिखा है कि मेरी चिंता हरियाणा के बॉर्डर पर बैठे हज़ारों आंदोलकारी किसानों को लेकर है, क्योंकि मुझे उनको भी कोरोना से बचाना है और ये भी फिक्र है कि कहीं उनकी वजह से हरियाणा में भी कोरोना ना फैल जाए। मैं जानता हूं कि केंद्र से किसानों की समस्या का हल करने के लिए बहुत कोशिशें की और किसानों के साथ कई दौर की बात की.

लेकिन पिछले कुछ वक्त से बातचीत रुकने की वजह से अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। मैं मानता हूं कि समस्या का समाधान बातचीत से ही हो सकता है। इसलिए आपसे गुज़ारिश है कि बातचीत दोबारा शुरू की जाए ताकि मसले का हल निकल सके।

किसानों व सरकार के बीच की कड़ी बंनेंगे गृहमंत्री, केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर कही यह बात

हालांकि यह बात भी सामने आई थी कि इस अपील से पहले ही केंद्रीय कृषि मंत्री दोहरा चुके हैं कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन साथ में किसानों को आंदोलन खत्म करने की भी अपील थी।

सरकार हो या किसान दोनों ही तरफ से दावा ये है कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं। मगर मध्यस्त का कार्य कौन करेगा इस बात पर सुई अटकी हुई थी, जिसपर अनिल विज के पत्र ने हथियार के रूप में कार्य किया है।