अप्रैल का महीना शुरू होने के साथ ही स्कूल के विज्ञापनों की लाइन लग जाती है। इन विज्ञापनों को लगाने के लिए स्कूल प्रबंधन को प्रशासन से परमिशन लेनी होती है। लेकिन कई बार स्कूल प्रबंधन बिना किसी परमिशन के ही कई जगहों पर अपने विज्ञापन लगवा देता है।
ऐसी ही एक ख़बर 12 अप्रैल को पहचान फरीदाबाद पर आपको दिखाई थी। जिसमे एक स्कूल का विज्ञापन रेड लाइट के ठीक सामने लगा हुआ था। दरअसल मामला फरीदाबाद के आईएमटी चौक का था।
जहां एक रेड लाइट के ठीक सामने आशा ज्योति विद्यापीठ स्कूल के एडमिशन का विज्ञापन लगाया गया था। ऐसे में दिल्ली से पलवल जाने वाले लोगो की काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
लोगो को पता ही नहीं चलता था कि लाइट कब ग्रीन हुई और कब रेड। जिसकी वजह से ट्रैफिक के साथ साथ एक्सीडेंट का भी खतरा बना रहता था।
आपको बता दे कि किसी भी संस्था को इस तरह से अपने विज्ञापन लगाने की आज्ञा प्रशासन से लेनी पड़ती है । 12 अप्रैल को पहचान की टीम के द्वारा वीडियो में खबर के माध्यम से बताया गया था कि आईएमटी चौक पर पलवल की ओर जाने वाले लोगों को डेडलाइट नहीं दिखाई देती है।
क्योंकि उस रेड लाइट के आगे सेक्टर 62 आशा ज्योयी विद्यापीठ पब्लिक स्कूल का विज्ञापन लगा हुआ था। लेकिन आपको बता दें कि देर शाम को आशा ज्योति विद्यापीठ पब्लिक स्कूल के चालक व परिचालक के द्वारा खुद ही हटा दिया गया।
जब उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह बोर्ड गलत तरीके से लगाया गया है। क्योंकि इससे पलवल की और जाने वाले लोगों को लाइट लाइट नजर नहीं आती थी।
इसीलिए उन्होंने यह बोर्ड यहां से हटा दिया है। जब इस बारे में उनसे यह पूछा गया कि उन्होंने प्रशासन के द्वारा परमिशन ली है या नहीं। तो उन्होंने कहा इसके बारे में हमको कोई जानकारी नहीं है। क्योंकि परमिशन लेने का कार्य स्कूल प्रबंधन का होता है। उनको तो सिर्फ बोर्ड को हटाने के आदेश दिए गए थे।