राजस्थान के अजमेर शहर में रहने वाले दंपत्ति ललिता व भैरू सिंह को अपने नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अजमेर निवासी ललिता ने 22 मार्च को बेंगलुरु से राजस्थान के हवाई सफर के दौरान इंडिगो फ्लाइट में अपने बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के माता-पिता को जन्म प्रमाण पत्र के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं लेकिन उन्हें कोई भी मदद नहीं मिल पा रही हैं।
ललिता व भैरू सिंह अजमेर के रहने वाले हैं तथा उनकी फ्लाइट भी जयपुर एयरपोर्ट पर लैंड हुई थी। इसलिए जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन की ही जिम्मेदारी बनती है कि दंपति की मदद की जाए, लेकिन जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन दंपत्ति को कोई भी जानकारी नहीं दे रहा है।भैरू सिंह का अधिक पढ़े लिखे न होने के कारण उन्हें सरकारी कार्यों की कोई खास समझ भी नहीं है। जयपुर और अजमेर के सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के अलावा उनके पास कोई भी विकल्प नहीं है।
अजमेर निवासी भैरू सिंह का कहना है कि जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन की ओर से उसे कोई सहायता नहीं मिल पा रही है। उसने बताया कि एयरपोर्ट प्रशासन पर फोन करने पर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जाती। शुरू के दिनों में उसकी प्रशासन से बात हुई लेकिन उसके बाद एयरपोर्ट प्रशासन ने फोन उठाना भी बंद कर दिया।
उसका कहना है कि लोग जहां की कहते हैं मैं बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए वही जाता हूं, लेकिन प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। बता दें कि भैरू सिंह राजस्थान के अजमेर जिले में ब्यावर खंड की जालियां ग्राम पंचायत का रूपवास गांव निवासी है तथा अपनी पत्नी ललिता के साथ बेंगलुरु में रहता है। भैरू सिंह बेंगलुरु में ऑटो चलाकर अपनी आजीविका चलाता है।
भैरू सिंह के पिता की अचानक तबीयत खराब होने के कारण उसे अपनी गर्भवती पत्नी ललिता के साथ इंडिगो एयरलाइंस फ्लाइट से गांव जाना पड़ रहा था। फ्लाइट में ही उसे प्रसव पीड़ा हुई और उसने अपने बच्चे को जन्म दिया। दारू ने बताया कि ललिता का आठवां महीना चल रहा था लेकिन सफर करने से पहले उसने डॉक्टर की सलाह ली थी। डॉक्टर के कहने पर ही उन्होंने इमरजेंसी में सफर किया था।