नगर निगम में हो रहे घोटालों को लेकर प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल खट्टर सख्त हैं। बीते दिनों एफएमडीए की बैठक के दौरान सीएम ने घोटाले की जांच में तेजी लाने की निर्देश दिए थे जिस पर कार्यवाही करते हुए विजिलेंस विभाग ने निगम के करीब 25 अधिकारियों को नोटिस जारी कर जांच में शामिल होने के आदेश दिए हैं। जांच में शामिल न होने पर सख्त कार्यवाही की भी बात कही गई है।
दरअसल, नगर निगम में बिना काम के ठेकेदारों को 50 करोड़ का भुगतान कर दिया गया जिसकी जांच अभी भी जारी है वही अब विजिलेंस विभाग ने अब अपनी जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है। अब पूरे शहर में 2014 से 2020 तक कराए गए सभी विकास कार्यों और ठेकेदार को हुए भुगतान की जांच की जा रही है।
अब पूरे शहर में 2014 से 2020 तक कराए गए सभी विकास कार्यों और ठेकेदार को हुए भुगतान की जांच की जा रही है। नगर निगम सूत्रों के अनुसार, जिन निगम अधिकारियों को नोटिस जारी किया है, उनमें कनिष्ठ अभियंता (जेई), उपमंडल अधिकारी (एसडीओ), कार्यकारी अभियंता तक के अधिकारी शामिल हैं। इनमें से कई सेवानिवृत्त भी हो गए हैं। हालांकि विजिलेंस जांच में बीते वर्षों अलग-अलग डिविजन में तैनात रहे अधिकारियों से भी पूछताछ की जानकारी मिली है। इस बारे में विजिलेंस के अधिकारी बोलने को तैयार नहीं हैं।
विजिलेंस जांच में बीते वर्षों अलग-अलग डिविजन में तैनात रहे अधिकारियों से भी पूछताछ की जानकारी मिली है। इसमें वाउचर में हस्ताक्षर किसके हैं, यह भी खंगाला जा रहा है। संभावना है कि हकीकत और कागजी कार्रवाई में अंतर की जांच पड़ताल के लिए विजिलेंस मौके पर जाकर जांच पड़ताल की तैयारी में है।
अभी तक विजिलेंस वर्ष 2017 से साल 2020 तक हुए कार्यों की जांच कर रही थी, लेकिन विभाग को आशंका है कि इनमें और बड़ी गड़बड़ी सामने आ सकती है। इसलिए विभाग ने सरकार से अनुमति लेकर जांच का दायरा बढ़ा दिया है।