40 साल पुराने पार्क को बचाने के लिए कई लोग आए सामने

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पार्क जहां एक और शहर को सुंदर बनाता है। वहीं दूसरी ओर वह लोगों के घूमने के लिए भी प्रयोग में आता है। जिले में प्रशासन के द्वारा कई बहुत सुंदर पार्क बनाए गए हैं। जोकि कई सालों पहले बनाए गए थे।

इसमें से एक पार्क बाईपास रोड स्थित सेक्टर 17 का रोज गार्डन है। जिसको नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा तोड़ा जा रहा है। दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेस हाईवे के तहत स्पार्क को तोड़ा जा रहा है।

40 साल पुराने पार्क को बचाने के लिए कई लोग आए सामने

इस पार्क को बचाने के लिए कई समाजसेवी या थाने निवासी सामने आ रहे हैं। जिनका यह कहना है कि प्रशासन के द्वारा जो इस पार्क को तोड़ा जा रहा है। वह बिल्कुल गलत है क्योंकि यह पार्क करीब 50 साल पुराना है और इस पार्क में 4000 से भी ज्यादा पौधे लगे हुए हैं ।

जहां सेक्टर 9, 14,15 के लोग सैर करने के लिए आते है। पार्क के साथ बायपास रोड लगती हुई है और का रोड के दूसरे और जिस पार्क से आगरा – गुड़गांव कैनल गुजर रहा है।

40 साल पुराने पार्क को बचाने के लिए कई लोग आए सामने

अगर उनको एक्सप्रेस वे के लिए जगह है चाहिए है तो आगरा गुड़गांव कैनल के तरफ से जगह से तोड़ फोड़ कर सकते है। सेक्टर 17 आरडब्लूए के वाइस प्रेसिडेंट  विजय ने यह बताया कि यह पार्क 53 साल पुराना है।पहले समय यह पार्क फूलों व पेड़ो से भरा रहता था।

लेकिन इस समय ना पार्क कि देख रेख पर ध्यान नहीं  दिया जा रहा है। इस पार्क में 25 पाम के पेड़ को काट दिए गए है। गुलाब के करीब 100 पौधे में भी काट दिए गए है। उन्होंने यह बताया की पार्क कि बाउंड्रीज को तोड़ा जाएगा।

40 साल पुराने पार्क को बचाने के लिए कई लोग आए सामने

स्थानीय निवासी जगन लाल ने बताया की यह पार्क फरीदाबाद की शान व पहचान हैं। यहां लोग घूमने के लिए दूर दराज़ से आते हैं। लोगों को यहां आने में बहुत ही आंनद आता है। अब लोग भी विरोध करने के लिए आगे आ रहे है, कि पार्क को ना तोड़ा जाए।

हाईवे बनाना में किसी को भी परेशानी नहीं है। पर सही जगह पर बनाना चाहिए। रोज गार्डन को तोड़ना का निर्णय सही नहीं है। पार्क को तोड़ने का कार्य कुछ महीने पहले ही शुरू कर दिया गया था। इससे केवल पार्क को ही नहीं इसमें लगे पौधों को काटा जाएगा, जिससे हरा भरा पर्यावरण भी खराब होगा।

40 साल पुराने पार्क को बचाने के लिए कई लोग आए सामने

हरियाणा फॉरेस्ट विभाग   के द्वारा दी गई है वह गलत है। एक और सरकार पोलूशन को रोकने के लिए पेड़ों को लगाने पर जोर दे रही है। वहीं दूसरी ओर फॉरेस्ट विभाग उस को उजाड़ने में लगा हुआ है।