हरियाणा में महामारी की लहर मचा रही कहर, हालात नहीं है काबू स्थिति बेकाबू, ऐसे हैं आकड़ें

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    देश को महामारी की दूसरी लहर ने झकझोर कर रख दिया है। प्रदेश में दूसरी लहर तेज होने का सबसे बड़ा कारण हर स्तर पर हुई लापरवाही है। पहली लहर के कमजोर पड़ने के बाद बंदिशें हटने पर हर कोई बेफिक्र हो गया। सबको लगा कि महामारी से जंग जीत ली है। लेकिन, जमीनी स्तर पर यह किसी ने नहीं भांपा कि संक्रमण अंदर ही अंदर अपने पांव मजबूती से पसार रहा है।

    जब यह साल शुरू हुआ था तो सभी भारतीयों को लग रहा था कि महामारी से राहत मिल गई है। लेकिन महामारी की बंदिशें हटने के बाद मास्क न पहनना, दो गज की दूरी न रखना व सैनिटाइजेशन में लापरवाही बरतना भारी पड़ा। यही कारण है कि अब दिन ब दिन हालात नाजुक हो रहे हैं।

    हरियाणा में महामारी की लहर मचा रही कहर, हालात नहीं है काबू स्थिति बेकाबू, ऐसे हैं आकड़ें

    साल के दूसरे महीने के आते-आते तक आम जनता से लेकर नेता-नौकरशाह और यहां तक कि तमाम डॉक्टर भी यह मानने लगे कि महामारी की व्यापकता से भारत ने पार पा लिया है। परंतु इसकी धार थोड़ी कुंद पड़ने पर राजनीतिक हों या अन्य तरह के जलसे, खूब भीड़-भाड़ के साथ हुए। प्रदेश वर्तमान में प्रतिदिन 40 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जांच की जा रही है।

    हरियाणा में महामारी की लहर मचा रही कहर, हालात नहीं है काबू स्थिति बेकाबू, ऐसे हैं आकड़ें

    यह कहना गलत नहीं होगा कि जिस समय भारत महामारी से पहले की स्थिति बहाल होता हुआ देख रहा था, तब संक्रमण ने नए सिरे से सिर उठाना शुरू कर दिया और देखते-देखते ही प्रतिदिन कोरोना मरीजों की संख्या दो लाख के आंकड़े को पार कर गई। प्रदेश में संकट का खतरनाक दौर शुरू हो गया है। महामारी की मार से इस समय दुनिया में हाहाकार मचा है।

    हरियाणा में महामारी की लहर मचा रही कहर, हालात नहीं है काबू स्थिति बेकाबू, ऐसे हैं आकड़ें

    हर राज्य में लॉकडाउन जैसी स्थिति पनप रही है। नाइट कर्फ्यू से काफी राज्यों ने दोस्ती कर ली है। अगर महामारी की दूसरी लहर से बचना है तो पहले से ज्यादा सावधानी बरतने के अलावा और कोई आसान उपाय नहीं है। प्रदेश में 1350 से अधिक लोगों की महामारी ने जान लील ली है। 3 लाख से अधिक लोगों को यह वायरस अपनी चपेट में ले चुका है।