उद्योगपतियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो रहा है प्रवासी मजदूरों को रोकना

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देश में पहली महामारी में एक बार फिर से सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि यह साल कैसा होगा ? पिछले साल तो जैसे तैसे गुजारा हो गया था. बिता हुआ सालअपने साथ बहुत बुरी यादें छोड़कर गया था.

हालांकि अभी उस दर्द से बाहर निकले भी नहीं थे कि एक बार फिर वही इतिहास को दोहराने के लिए निकल पड़ा हैं।

उद्योगपतियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो रहा है प्रवासी मजदूरों को रोकना

फरीदाबाद को औद्योगिक नगरी कहां जाता है क्योंकि यहां की आर्थिक व्यवस्था शहर के उद्योग के कंधों पर है । किसी भी व्यवसाय की नींव होते है उस जगह पर कार्य करने वाले श्रमिक .

उद्योगपतियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो रहा है प्रवासी मजदूरों को रोकना

लेकिन जैसे ही इन श्रमिकों को पता चला कि देश के कई राज्यों में लॉकडाउन लगने की स्थिति पैदा हो गई है तो इनके जहन में पिछले साल वाला मंजर आंखों के आगे साफ दिखाई दे रहा है

उद्योगपतियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो रहा है प्रवासी मजदूरों को रोकना

इन मजदूर और श्रमिको को एक बार फिर से लगने लगा कि कैसे यह साल कटेगी अन्य राज्यों से यहां पर नौकरी करने के लिए आए लाखों की संख्या में श्रमिक और मजदूरों को यह डर सताने लगा यदि इस बार लॉकडाउन लगा तो भूखे मरने की नोबत आ सकती है

उद्योगपतियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो रहा है प्रवासी मजदूरों को रोकना

डर के साये में प्रवासी मजदूर

यह वो मजदूर और कामगार भाई हैं जो अपने घर अपनी मिट्टी अपने गांव को छोड़कर यहां काम की तलाशने आते है लेकिन इस बार उन्हें पहले से ज्यादा डर हैं .

इस डर हैं तो काम छूटने का डर है तो रोटी के एक एक दाने को मोहताज होने का . पूरे देश से इस समय मजदूर के पलायन की बहुत सारी तस्वीरे सामने आ रही हैं ।

उद्योगपतियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो रहा है प्रवासी मजदूरों को रोकना

जितना डर अन्य राज्यों से आए हुए इन श्रमिको और मजदूरों को सता रहा है इतना ही डर उन सभी उद्योगपतियों को भी सता रहा है। जिन मजदूरों आउट कामगारों की मेहनत के बल पर कोई भी उद्योग फलता फूलता है

लेकिन अब इन सबको यह डर है कि यदि सभी मजदूर और श्रमिक वापस अपने घरों की तरफ लौट गए तो कैसे व्यापार में को चलाया जाएगा प्रत्येक उद्योगपति अपने यहां पर कामगारों को यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि वो शहर छोड़ कर ना जाये।

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हालांकि प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने पलायन करते मजदूरों को कहा था कि प्रदेश में लॉकडाउन नही लगने वाला है तो आप हरियाणा छोड़ के ना जाये.