बीते शुक्रवार 29 मई की शाम को आई तेज आंधी से दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल को क्षति पहुंचने की खबर सामने अाई है। जिसकी तस्वीरे 30 मई की सुबह को सामने अाई। तूफ़ान के कारण ताजमहल के मुख्य मकबरे की सफेद संगमरमर की आठ और चमेली फर्श पर रेड सैंड स्टोन की तीन जालियां टूटी हैं।
पश्चिमी गेट पर दरवाजे की चूल फंसाने वाला पत्थर का खांचा टूटा है। पूर्वी व पश्चिमी गेट पर पर्यटकों की सुविधा के लिए बने शेड की फॉल सीलिंग उखड़ गई है। पेड़ों की कई डाल टूट गयी हैं और छोटे पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं।
शुक्रवार की शाम को आया यह तूफ़ान पूरे ताज में तबाही मचा कर गया है। इस दौरान करीब 50 मिनट तक आंधी, ओले और बारिश ने जमकर ताज पर कहर बरपाया। 124 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवा ने तमाम पेड़ों को जड़ से उखाड़ दिया। बिजली के खंभे और साइनेज धराशाई हो गए।
बिजली आपूर्ति ठप होने से पूरे आगरा में देर रात तक अधिकांश क्षेत्र अंधेरे में डूबे रहे। ताजमहल में यमुना की ओर पेड़ गिरने से मुख्य मकबरे व चमेली फर्श की रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई है। इसके अतिरिक्त भी स्मारक में अन्य नुकसान की सूचना प्राप्त हुई है।
बात करे तूफ़ान के कारण हुए यूपी में अन्य स्थानों पर हुए नुकसान कि तो सदर क्षेत्र में मकान ढहने से एक बालिका और फतेहाबाद में दो लोगों की मौत हो गई, करीब डेढ़ दर्जन लोगों के घायल होने की भी सूचना है।
विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पशु-पक्षियों की भी जान इस तूफ़ान के दौरान गई है। वही आगरा-बयाना रेल ट्रैक पर दो जगहों पर पेड़ गिरने से श्रमिक स्पेशल ट्रेन को स्टेशन पर रोकना पड़ा।
रात में अंधेरे की वजह से विभागीय अफसर स्मारक को पहुंचे नुकसान का जायजा नहीं ले पाए लेकिन इससे उच्चाधिकारियों को तुरंत ही अवगत करा दिया गया था। स्मारक को और क्या नुकसान हुआ है, उसकी स्पष्ट जानकारी अभी तक सामने आ पाई है लेकिन इन सब के अतरिक्त भी ताज को काफी नुकसान पहुंचा है।