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महामारी के चलते मंदिरों में मिलेगा पैकेट बंद भंडारा, लोग भी पैकेट बंद से पुजेंगे का कंजक को

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महामारी के चलते मंदिरों में मिलेगा पैकेट बंद भंडारा, लोग भी पैकेट बंद से पुजेंगे का कंजक को

दिन प्रतिदिन पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से महामारी के चलते मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ कम देखने को मिल रही है। बुधवार को रामनवमी पूजी जाएगी। जिसके लिए जिले के विभिन्न मंदिरों में भंडारा का आयोजन किया गया है।

महामारी के चलते मंदिरों में मिलेगा पैकेट बंद भंडारा, लोग भी पैकेट बंद से पुजेंगे का कंजक को

लेकिन महामारी के चलते इस बार भंडारा पैकेट सिस्टम में किया गया है। यानी भंडारा तो किया गया है लेकिन सभी को पैकेट बंद खाना दिया जाएगा। जो कि अपने घर जाकर आराम से बैठ कर खा सकते हैं। किसी को भी मंदिर में वहां पर बैठा कर खाना नहीं खिलाया जाएगा।

वही जो लोग अपने घरों में रामनवमी के दिन कंजक को बैठा कर पुजते हैं वह भी इस बार पैकेट बंद खाना पैक करके उनके घरों पर ही देकर आएंगे। ना कि अपने घर पर बुलाकर खाना खाएंगे। इसको लेकर कई आरडब्लूए के द्वारा नोटिस भी जारी किया गया है।

महामारी के चलते मंदिरों में मिलेगा पैकेट बंद भंडारा, लोग भी पैकेट बंद से पुजेंगे का कंजक को

जिसमें उन्होंने कहा है कि वह महामारी के चलते अपने घर पर कंजक को ना बैठाए। बल्कि खाना पैक करके उनको बाहर ही या उनके घर जाकर देख कर आए। तिकोना पार्क एनआईटी स्टेट महारानी वैष्णो देवी मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया ने बताया कि महामारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

जिसकी वजह से मंदिर में भक्तों की संख्या भी कम हो गई है। लेकिन रामनवमी के दिन हर साल की तरह इस साल भी भंडारे का आयोजन है। लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी पैकेट बंद भंडारा किया जा रहा है। लोगों को पैकेट बंद भंडार खाना दिया जाएगा। जिसके बाद भी अपने घर जाकर खाना खा सकते हैं।

महामारी के चलते मंदिरों में मिलेगा पैकेट बंद भंडारा, लोग भी पैकेट बंद से पुजेंगे का कंजक को

उन्होंने बताया कि सुबह 9:00 बजे हवन की शुरुआत हो गई और करीब 1:00 भंडारा किया जाएगा। वहीं सेक्टर 15 आरडब्ल्यूए के प्रधान नीरज चावला ने बताया कि उनके द्वारा एक नोटिस जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने सेक्टर वासियों से गुजारिश की है वह रामनवमी के दिन यानी बुधवार को जो भी लोग घर में कंजक बिठाकर पुजते हैं।

वह पैकेट बंद खाना पैक करके कंजक को अपने घर के बाहर ही या कंजक के घर जाकर खाना दे। अपने घर में बैठा कर कंजकों ना पहुंचे।

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