क्या एक बार फिर से बदहाल हो जाएंगे फरीदाबाद के उद्योग?

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औद्योगिक नगरी फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्र इन दिनों मजदूरों की कमी के चलते बदहाल हो रहे हैं। बढ़ते महामारी के संक्रमण के चलते मजदूरों के सामने भरण पोषण का डर उत्पन्न हो गया है जिसको लेकर मजदूर अब पलायन कर रहे हैं।

दरअसल, जिले में इन दिनों महामारी अपने चरम पर है। ‌ प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीजों की पुष्टि हो रही है ऐसे में मजदूरों के अंदर एक डर उत्पन्न हो गया है। ‌ लॉकडाउन में मजदूरों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन में मजदूर फंस कर रह गए थे। मजदूरों के पास मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव देखने को मिला वहीं इस बार मजदूरों ने पहले ही पलायन करना शुरू कर दिया है।

क्या एक बार फिर से बदहाल हो जाएंगे फरीदाबाद के उद्योग?

मजदूरों के पलायन से जिले में औद्योगिक क्षेत्रों को काफी नुकसान हो रहा है। फरीदाबाद स्मॉल इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान जीएस त्यागी ने बताया कि मजदूरों के जाने से फैक्ट्रियों में काम रुक गया है। जिले में 10 से 15 प्रतिशत तक मजदूर पलायन कर गए हैं। कुछ आर्डर पूरे हो गए हैं और कुछ अधूरे हैं ऐसे में मजदूरों के चले जाने से काफी दिक्कत हो रही है। कुछ उद्योगपतियों ने बताया कि फैक्ट्रियों में ऑर्डर तो पूरे हो गए हैं परंतु मजदूरों के अभाव में ऑर्डर्स की डिलीवरी नहीं हो पा रही है। मजदूरों के पलायन के चलते औद्योगिक की आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है।

क्या एक बार फिर से बदहाल हो जाएंगे फरीदाबाद के उद्योग?

गौरतलब है कि फरीदाबाद औद्योगिक नगरी के रूप में विख्यात है। जिले को औद्योगिक नगरी बनाने में मजदूरों का अहम योगदान है। अगर बात करें उद्योगों की तो बीते वर्ष लगे लॉकडाउन से पहले ही फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्र की हालत पतली थी वहीं अब मजदूरों के पलायन से स्थिति गंभीर हो गई है।

ऐसे में यह सोचने का विषय है कि मजदूरों के बिना फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्रों पर क्या असर देखने को मिलेगा।