फरीदाबाद में बढ़ते कुड़े कचरे को घर घर से उठाने की ज़िम्मेदारी का सारा जिम्मा एक कंपनी को दिया गया ।हरियाणा सरकार ने प्रदेश के दो बड़े शहर की साफ सफाई का टेंडर एक कंपनी को दिया ।जिसका नाम है ‘ ईको ग्रीन ‘
क्या है इकोग्रीन ?
चीन की इकोग्रीन कंपनी घर घर से कूड़ा कचरा उठाने वाली एक कंपनी है ।ईको ग्रीन एनर्जी भारत में एक प्रमुख निजीकृत अपशिष्ट प्रबंधन और अपशिष्ट-से-ऊर्जा कंपनी है।
हरियाणा सरकार ने ठोस कचरा प्रबंधन के लिए अगस्त 2017 में चीन की इको ग्रीन कंपनी के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया था, जिसके तहत कंपनी ने गुरुग्राम और फरीदाबाद में ठोस कचरा प्रबंधन करना है। इसके तहत कंपनी फरीदाबाद और गुरुग्राम में घर-घर से कूड़ा उठाकर बंधवाड़ी ठोस कचरा निस्तारण सयंत्र में कूड़े से बिजली भी बनाएगी। कंपनी अपने संसाधनों का उपयोग करेगी।
सर्वप्रथम इस कंपनी ने 5 वार्डों में से कूड़ा कचरा उठाने का काम शुरू किया। 11 ,20 ,22 ,31 व 35 इन पांच वार्डों में से सबसे पहले कूड़ा कचरा उठाया गया ।
फरीदाबाद में इसका मेन ऑफिस और डंपिंग ग्राउंड भी एनआईटी स्थित डबुआ कॉलोनी में भोजपुरी रोड लेजर वैली पार्क से सट कर है ।
जागरूकता के लिए कंपनी की गाड़ियां करती है मुनादी ।
कंपनी की गाड़ियां वार्डों की गलियों में घूम-घूम कर बताएंगी कि घर के कूड़े को दो कूड़ेदान में रखें। एक रंग के कूड़ेदान में गीला कचरा और दूसरे में सूखा कूड़ा रखें। गीला कचरा फल-सब्जियां, अंडे के छिलके, चायपत्ती, बचा हुआ खाना, चिकन, मछली की हडि्डयां आदि और सूखा कचरा प्लास्टिक, लकड़ियां, कांच, रबड़, तारकोल, गत्ता, कागज, लोहा, धातु आदि। कंपनी की गाड़ी सुबह सात बजे से शाम 3.00 बजे के बीच कूड़ा उठाने तय समय पर आएगी। इस दौरान लोगों को कूडे़ का वर्गीकृत करने और सफाई के प्रति सोच बदलने पर जोर दिया जाएगा।
इकोग्रीन कंपनी द्वारा एक एप भी चलाई गई है जिसे गूगल प्ले स्टोर से आप डाउनलोड कर सकते है और इसपर अपने समस्या दर्ज करा सकते है लेकिन अक्सर लोगों का इस अप पर गुस्सा ही फूटा है ।इस ऐप के अंदर आपकी लोकेशन ट्रेस कई जाती है लेकिन कूड़ा उठाने के लिए कई कई दिनों तक ईको ग्रीन की गाड़ियां नहीं आती।
इकोग्रीन ने घर-घर से कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी तो ले ली लेकिन फरीदाबाद में ही मुख्य सड़कों पर डंपिंग ग्राउंड बनवा लिया जिसकी वजह से लोगों को आने जाने में बदबूदार दुर्गंध का सामना करना पड़ता है बायपास रोड पर इकोग्रीन के डंपिंग ग्राउंड को आप आसानी से देख सकते हैं जहां इकोग्रीन की गाड़ियां आकर इतना कूड़ा कचरा डाल कर चली जाती हैं जिससे कि दूर-दूर तक बस कूड़े कचरे की ही दुर्गंध फैल जाती है ।
अगस्त 2019 में घोटाला आया सामने
24 रुपए की जगह वसूला जा रहा है 50 रुपए
गौरतलब है कि फरीदाबाद जिले में चाइनीज कंपनी ईको ग्रीन द्वारा एक अनुबंध के तहत घर-घर से सूखा ओर गीला कूड़ा उठाया जाता है। जिसे बंधवाड़ी प्लांट में लेजाकर उस कूड़े से बिजली का निर्माण किया जाता है। नगर निगम द्वारा किये गए अनुबंध के अनुसार कंपनी प्रत्येक घर से कूड़ा उठाने की एवज में 24 रुपये प्रति माह वसूलेगी। लेकिन प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कंपनी 24 रुपये की बजाए प्रति घर से कूड़ा उठाने की एवज में 50 रुपये वसूल रही है। जिसका बंदरबांट चाइनीज कंपनी और निगम अधिकारियों के अलावा क्षेत्र के पार्षद के बीच होता है।
ये दावा एक रिपोर्ट में किया गया था और यही नहीं कई बार ईको ग्रीन कंपनी को एनजीटी की गाइडलाइंस के उलंघन करने की वजह से फटकार और जुर्माने भी लगाए गए थे । जिसे बाद में हटा दिया गया।
लोगों की सहमति नहीं है, इस चीनी कंपनी से
अक्सर लोगों को इस चीनी कंपनी के विरूद्ध शिकायत सुनने को मिली है ।कहीं समय से कूड़ा कचरा नहीं उठाया जाता तो कहीं कई कई दिनों तक कोई कचरा उठाने नहीं आता ।ट्विटर पर लोगों। ने जमकर इस कंपनी के लापरवाही को को दिखाया है ।इसी के साथ ये भी शिकायत है कि लोगोंको सुनवाई कभी नहीं होती और इनकी एप पर शिकायत या फोटो देने के बाद भी किसी भी प्रकार प्रतिक्रिया नहीं होती ।
Garbage left behind by Van in Anand Garden @mcgurgaon @EcoGreen_Energy Do not stop at one stop for 2 minutes. Are we paying for Door-2-Door services ? @cmohry @mlkhattar @DEEPAKKAHUJA pic.twitter.com/C79nn1AeJc
— Prachi (@Prachisharmallb) May 28, 2020
@ecogreenwte Pl Review the Pathetic condition of vacant plot in Ward 16 Sainik colony Faridabad at D1307..Vacant Plot concerted in to Garbage Dump, At least It should get lifted twice a month In Routine with Trolleys by Ecogreen @Mcf_Faridabad @cmohry Pl get It Resolved.. pic.twitter.com/AMnJ2CmKlJ
— Tarun Chopra (@ITarunChopra) May 30, 2020
@EcoGreen_Energy Team, See today morning pic and still NOT provided the Gloves to team❓@CPCB_OFFICIAL @sudhirsinglabjp @DC_Gurugram @sonalgoelias @ipspankajnain
— namitjain (@namitjain1987) April 13, 2020
@dimpy_dewan @DEEPAKKAHUJA @0001sudarshan @wrwre @wecares4india
@RituKat14560049 @MatKashbakihai pic.twitter.com/LWegUE6l1E
This is today morning pic of @EcoGreen_Energy garbage collection vechile and kindly instruct to team to wearing the proper PPE I.E Gloves ? #coronavirusinindia @DC_Gurugram
— namitjain (@namitjain1987) April 8, 2020
@Dist_Admin_Ggm @cdgurugram @MunCorpGurugram@ramanmalik
@dimpy_dewan@DEEPAKKAHUJA @cmohry pic.twitter.com/5FQEZNjzp9
@MunCorpGurugram @EcoGreen_Energy @DC_Gurugram @Dist_Admin_Ggm @SwachhMap @SwachhBharatGov No response to the major problem highlighted by me. This is such an important issue. Please get this sorted
— Swapnila Mehta (@swapnilab) May 31, 2020
फरीदाबाद नगर निगम की खस्ता हालत और जर्जर स्थिति के कारण नौबत आन पड़ी है कि फरीदाबाद नगर निगम को अपने खर्चों का भुगतान करने के लिए गुरुग्राम नगर निगम की मदद लेने की आवश्यकता आ पड़ी है।
जिसके चलते कुछ दिनों पहले सरकार के निर्देश अनुसार गुरुग्राम के नगर निगम अधिकारियों द्वारा सूचना जारी की गई की गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) फरीदाबाद में कचरा एकत्रीकरण के लिए ईको ग्रीन को लिए एक समझौते के तहत पैसे का भुगतान करेगा।
अधिक जानकारी देते हुए एमसीजी के अधिकारियों ने बताया कि फरीदाबाद नगर निगम को धन की कमी होने के कारण वह अप्रैल माह के लिए इकोग्रीन प्राइवेट लिमिटेड को टिपिंग शुल्क का भुगतान करने में असमर्थ है। जिस कारण हरियाणा सरकार ने एमसीजी को निर्देश दिया कि वह इसी महीने से नगर निगम फरीदाबाद (MCF) की ओर से इकोग्रीन को टिपिंग फीस का भुगतान करे।
अगस्त 2017 में गुरुग्राम और फरीदाबाद में कचरे के डोर-टू-डोर संग्रह के लिए MCG, MCF और हरियाणा सरकार ने इकोग्रीन के साथ एक संयुक्त समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के एक हिस्से के रूप में, दो नागरिक निकायों को मासिक आधार पर टिपिंग फीस के रूप में एकत्र किए गए प्रत्येक टन कचरे के लिए इकोग्रीन 1,000 का भुगतान करना होगा।
इकोग्रीन अधिकारियों के अनुसार, वे हर दिन गुरुग्राम से 1,200 टन और फरीदाबाद से 900 टन कचरा इकट्ठा करते हैं। जिसके चलते एमसीएफ फरीदाबाद द्वारा अपशिष्ट संग्रह के लिए ईको ग्रीन को प्रति माह लगभग 2.5 से 3 करोड़ रुपए का भुगतान करता है और एमसीजी हर महीने 3.5 से 4 करोड़ का भुगतान करता है।
नगर निगम फरीदाबाद आयुक्त यश गर्ग ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा है कि एमसीएफ वर्तमान में एक वित्तीय संकट का सामना कर रहा है जिसके चलते राज्य सरकार ने एमसीजी को एमसीएफ की ओर से इकोग्रीन का भुगतान करने के लिए कहा है।
भुगतान की यह राशि एमसीजी द्वारा एमसीएफ को लोन के तौर पर दी जा रही जिसका भुगतान एमसीएफ द्वारा जल्द ही एमसीजी को कर दिया जाएगा। हालांकि एमसीएफ की खराब स्थिति का कोई सटीक कारण आयुक्त यश गर्ग द्वारा नहीं दिया गया जिस वजह से फरीदाबाद नगर निगम पर आज यह स्थिति बन अाई है।
अब आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि एक तरफ तो पूरे देश से चीन के प्रोडक्ट का परहेज किया जा रहा है लेकिन वहीं दूसरी ओर इको ग्रीन कंपनी द्वारा साइन हुए एग्रीमेंट से बॉयकॉट चाइना प्रोडक्ट थीम पर एक जोरदार तमाचा लगा हुआ है । हमारे देश की सरकार चीन के प्रोडक्ट को खरीदने से मना करती है और स्वदेशी अपनाने के लिए कहती है लेकिन सरकारी दफ्तर ही चीन की कंपनी तले दब चुके हैं।
माननीय प्रधान मंत्री और देश की सरकार एक ही नारा लगा रही है स्वदेशी अपनाने का लेकिन चीन की ईको ग्रीन कंपनी ने आज शहर में ऐसे अपना दबदबा बना लिया है कि नगर निगम फरीदाबाद बेहद चिंतित है ।सामझौता होने की वजह से कोई एक्शन भी नहीं लिया जा सकता जब तक सरकार बड़े स्तर पर कार्यवाही ना करे ।
यदि फरीदाबाद में स्वदेशी अपनाना होगा तो सबसे पहले ईको ग्रीन को हटाकर स्वदेशी अपनाना होगा , हम जानना जरूर चाहेंगे कि हमारे पाठक यानी आप , क्या हमारी इस बात से सहमत है ?