ये हैं हरियाणा की पहली महिला जादूगरनी, देश ही नहीं विदेशों तक छाया है इनका जादू

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    जादू देखने की आस कभी दिल से जाती नहीं है। बचपन में जादूगर के शो देख कर जादू देखा करते थे अब कई लोग भगवान द्वारा जादू होने का इंतज़ार कर रहे हैं। जादू में बात ही अलग है। हरियाणा की एक जादूगरनी देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी नाम चमका रही है। सबसे खास बात यह है कि ये सूबे में एकमात्र महिला जादूगर हैं। इन्हें अमेरिका की आइबीएम संस्था ने मौका दिया है। ऑनलाइन कंपीटिशन में उनका चयन किया गया।

    ऐसा हमेशा से सोचा जाता है कि जादूगर बस एक पुरुष हो सकता है। कई बातें हमने जादूगरों के बारें में सुनी भी हैं। लेकिन सूबे के अंबाला की जादूगर काजल ने अपने जादू के जौहर दिखाए। इसके चलते उन्हें ऑनलाइन प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पर प्रमाण पत्र भी मिले हैं।

    ये हैं हरियाणा की पहली महिला जादूगरनी, देश ही नहीं विदेशों तक छाया है इनका जादू

    जादू देखने के बाद सभी यह सोचते हैं कि आखिर यह कमाल हुआ कैसे। जादू एक प्रदर्शन कला है। देश जैसे विदेश में भी जादूगरों के शो होते हैं, जिनमें सभी जादूगर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। इसमें नाम दर्ज तक करवाना आसान नहीं होता। काजल बताती हैं कि वह लगातार तीन माह से इन प्रतियोगिताओं में भाग ले रही हूं। वह पिछले 18 साल से जादू की दुनिया में हैं। पांच साल से खुद इसकी कमान संभाल रहीं हैं। उन्हें यह कला पंजाब के जादूगर एडी बादशाह से सीखने को मिली।

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    ईश्वर ने सभी को कोई न कोई खूबी दी है। किसी को गाने की किसी को जादू करने की। इसी कला को पहचानते हुए काजल ने अपना सफर शुरू किया था। जादू की दुनिया में पुरुषों का ही वर्चस्व ज्यादा है। लेकिन इसमें काजल रुचि थी और मेहनत और लगन से इस सपने को साकार किया। उन्होंने बताया कि अमेरिका में फरवरी, मार्च और अब अप्रैल में प्रतियोगिताएं चल रही हैं। इनमें वह हिस्सा ले रहीं हैं। इस कारण कई संस्थाएं उन्हें सम्मानित करने में लगी हुई हैं।

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    आज के समय की बात करें तो काफी लोगों में ही जादू की देखने का शोक मचा है। यह कला धीरे – धीरे समाप्त हो रही है। काजल बताती हैं कि जादू की दुनिया की राह चुनौतियों भरी है। दिक्कतों का सामना करते हुए वह इस कला को जिंदा रखना चाहती हैं।