करोना की इस लड़ाई मे अब आप भी जुड़ सकते है, जिला प्रशासन के साथ

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उपायुक्त यशपाल ने कहा कि जब भी कोई विपत्ति आती है, तो वह साथ में बहुत सारे समाधान भी लेकर आती है। ऐसी विपत्ति के समय में मनुष्य की उससे लड़ने की क्षमता ही उसे इससे बाहर निकलने का रास्ता दिखाती है। कोरोना के संक्रमण काल में फरीदाबाद के लोगों ने जिस तरह से अपने प्रवासी भाइयों और बहनों की खाने के रूप में और अन्य सामान वितरण के रूप में जो मदद की है, वह अतुलनीय है।

करोना की इस लड़ाई मे अब आप भी जुड़ सकते है, जिला प्रशासन के साथ

उन्होंने कहा कि सरकार और समाज दोनों ने मिलकर लोगों तक मदद पहुंचाने का कार्य सफलतापूर्वक किया और इस सफलता से प्रेरित होकर फरीदाबाद के लोगों को पूर्ण रूप से लड़ाई के अंदर भागीदार बनाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल द्वारा एक नया मूलमंत्र दिया गया तथा उनके दिशा-निर्देश से पूरे जिले  को 1327 छोटे-छोटे भागों में बांटा गया है तथा लोकल कमेटियां बनाई गई हैं।

 इन कमेटियों में प्रत्येक भाग में सरकार के तीन कर्मचारी लगाए गए हैं, जिनमें एक स्वास्थ्य कर्मी तथा दूसरा चुनाव कार्यालय से संबंधित है तथा तीसरा स्वयंसेवी जो समाज सेवा करना चाहते हैं। प्रत्येक पांच कमेटियों के ऊपर एक सरकारी अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित की गई है तथा उसके बाद ऐसे पांच अधिकारियों के ऊपर, उनसे वरिष्ठ एक और अधिकारी की नियुक्ति की गई है।

जिले के सभी 3 उपमंडल अधिकारी (नागरिक), दो संयुक्त आयुक्त एवं सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को इनके ऊपर नियुक्त किया गया है, जो इन सभी कमेटियों को 8 हिस्सों में बांट कर उनको नेतृत्व प्रदान करेंगे। इस तरह से जिले को आठ वरिष्ठ अधिकारी अपने नीचे दिए गए अन्य कर्मचारियों एवं अधिकारियों के माध्यम से इस कोरोना के संक्रमण की लड़ाई में जिले को नेतृत्व प्रदान करेंगे।

समाज के सभी स्वयंसेवी व्यक्तियों एवं संस्थाओं को तथा जिले के सभी चुने हुए पंच,सरपंचों, पार्षदों एवं नगर पार्षदों को भी इस कार्य में शामिल किया गया है। कोरोना से लड़ाई में सबसे महत्वपूर्ण कार्य यह है कि हम नीचे के लेवल पर जितने ज्यादा लोगों को जागरूक कर सकें, इस लड़ाई से उतनी ही सुगमता से लड़ा जा सकेगा।


उपायुक्त ने बताया कि शहर भर के अंदर लगभग 4 लाख 50 हजार घर हैं और इन सभी पर लगभग 45 हजार स्वयंसेवक लगाने का कार्य चल रहा है। यह कोशिश की जा रही है कि प्रत्येक 10 घरों पर एक स्वयंसेवक उपलब्ध हो ताकि इस कार्य को बहुत कुशलता से किया जा सके। मुझे खुशी है कि लोगों ने आगे आकर इस काम में विशेष रुचि दिखाई है और काफी स्वयंसेवक पहले ही जुड़ चुके हैं।

लगभग 20,000 से ज्यादा स्वयंसेवक इन कमेटियों में जुड़ चुके हैं और बाकी लोगों से प्रार्थना की जा रही है कि वह इन कमेटियों से जुड़े ताकि इस लड़ाई में वह अपना विशेष योगदान दे सकें। कोई भी स्वयंसेवक अपने इलाके के बूथ लेवल ऑफिसर से संपर्क कर सकता है जिनका संपर्क अथवा मोबाइल नंबर जिले की वेबसाइट पर डाल दिया गया है। इसके साथ सात गूगल स्प्रेड सीट के लिंक –https://forms.gle/BTSraiWqwtAnv64T8
पर भी अपने आप स्वयंसेवी बनने की जानकारी दी जा सकती है।

इन कमेटियों के द्वारा इस लड़ाई में जो योगदान दिया जाएगा, उसके तहत यह कमेटियां 300 से 400 घरों के ऊपर बनेंगी तथा उन घरों पर आने एवं जाने के रास्ते को एक जगह से ही निर्धारित करेंगी तथा बाकी रास्तों को बंद कर देंगे। किसी भी नए व्यक्ति के आने पर तुरंत स्वास्थ्य कर्मी को सूचित करेंगे ताकि उसकी स्वास्थ्य जांच की जा सके और तब तक उसे घर के अंदर ही रहने के लिए कहा जाएगा।

इसके अलावा समय-समय पर किसी भी तरह के बीमारी के लक्षण वालों के बारे में सूचित करेंगीं ताकि उन सभी की जांच की जा सके और इस तरह से इस रोग को आगे फैलने से रोका जा सकता है। तीसरा ये कमेटी सभी व्यक्ति जो 60 साल उम्र से ज्यादा के हैं तथा जिन को एक या इससे अधिक रोग हैं, को अधिक मदद की जरूरत होगी। ऐसे व्यक्तियों के बारे में सूचना देंगे ताकि उनका विशेष ख्याल रखा जा सके। हालांकि एक सर्वेक्षण के द्वारा जिले में ऐसे व्यक्तियों की संख्या पहले ही इक्ट्ठी कर ली गयी है।

करोना की इस लड़ाई मे अब आप भी जुड़ सकते है, जिला प्रशासन के साथ

यह सभी घर एक व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा समय-समय पर सभी घटनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे तथा इस कमेटी में सरकार की तरफ से नियुक्त स्वास्थ्य कर्मी तथा अन्य उन्हें जैसे ही जरूरत होगी, तुरंत मदद उपलब्ध करवाएंगे। ऐसा सरकारी कर्मचारी के सीधे संपर्क में आने से और उस क्षेत्र के स्वयंसेवकों के माध्यम से उस क्षेत्र के लोगों को सभी तरह की जानकारियां आसानी से उपलब्ध होंगी तथा मुसीबत के समय में मदद भी जल्दी से उपलब्ध होगी।

इसी प्रकार लोकल कमेटी के सदस्य जिन क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया जाता है, वहां पर बहुत ज्यादा आवागमन की इजाजत नहीं होती, अतः वे उस क्षेत्र को आवागमन मुक्त रखने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा जिन भी व्यक्तियों को घरों के अंदर रहने के लिए कह दिया गया है उन सभी को उस क्षेत्र के दुकानदारों के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करवाना सुनिश्चित करेंगे।