उद्योग जगत पर माहमारी का कहर, पहले की अपेक्षा कम हो रहा है काम

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माहमारी की दस्तक ने एक बार फिर से जीवन को अस्त व्यस्त करना शुरू कर दिया .ठीक एक साल पहले इस समय पूरा देश इस माहमारी से परेशान हो चुका था. कई लोगो की नॉकरी चली गई थी ।

मजदूर वर्ग तो एक एक दाने के लिए मोहताज हो गया था ।इसका कारण था उद्योगो का बंद होना भी था । इस बार भी माहमारी के दूसरे चरण में भी उद्योग पर असर पड़ रहा है जहाँ अब तक 24 ऑवर चलने वाले उद्योग अब 12 से 18 घटे ही चल पा रहे है ।

उद्योग जगत पर माहमारी का कहर, पहले की अपेक्षा कम हो रहा है काम

वहीं कंपनियों में कर्मचारी संक्रमित होने से उद्यमीयों की परेशानी को दुगना कर दिया है। दहाड़ी मजदूर एक बार फिर घर पलायन करने लगे है। इससे समस्या ओर ज्यादा बढ़ गई है। कंपनीयों में थर्मल जांच के साथ कर्मचारियों को प्रवेश दिया जा रहा है। कई कंपनियों ने गेट पर सैनिटाइजर मशीन लगाई हैं।

शिवालिक प्रिंट के चेयरमैन नरेंद्र अग्रवाल ने एक समाचार पत्र को जानकारी देते हुए बताया कि इस समय में उद्योगों को चलाना मुश्किल हो गया है। मजदूरों में कोरोना को लेकर डर बना हुआ है। वहीं उद्योगों को चलाने के साथ हमारा ध्यान मजदूरों की सुरक्षा पर है।

उद्योग जगत पर माहमारी का कहर, पहले की अपेक्षा कम हो रहा है काम

जिससे किसी का रोजगार न जाए। लोग वापस घरों को न लौटें। इसके लिए काम के घंटों में कुछ बदलाव किया गया है। मजदूरों को थर्मल जांच, मास्क और सैनिटाइजेशन के साथ कंपनियों में प्रवेश दिया जा रहा है।

लघु उद्योग भारती प्रधान रवि भूषण का कहना है कि संस्था के अंतर्गत आने वाली सभी कंपनियों से अपील की गई है कि कोविद नियमों का पालन करें। उनकी कंपनी में एक कर्मचारी गेट पर तैनाती की गई है जो थर्मल जांच, हाथ और पैरों को सैनिटाइज कराने व मास्क के साथ कर्मचारियों को प्रवेश देने का काम करते है।