किसानों के खातों में पहुंच गई राशि, आढती के हाथ रह गए खाली

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जिले की अनाज मंडियों में किसानों को ऑनलाइन माध्यम से फसल का भुगतान किया जा रहा है परंतु अभी तक आढ़तियों को उनके हिस्सें का भुगतान नहीं किया गया है जिसकी वजह से आढ़ती परेशान है।

दरअसल, प्रशासन द्वारा नए कृषि कानूनों के तहत फसल खरीद से संबंधित सभी भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किए किए गए हैं। सरकार ने किसानों की फसल का भुगतान सीधे उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया है जिससे आढ़तियों को उनके हिस्से का भुगतान नहीं हो पाया है।

किसानों के खातों में पहुंच गई राशि, आढती के हाथ रह गए खाली

बीते वर्ष सरकार किसानों को ऑफलाइन भुगतान करती थी जिससे आढ़तियों को उनका पैसा तुरंत और आसानी से प्राप्त हो जाता था परंतु इस बार अभी तक एक भी आढ़ती का भुगतान नहीं किया गया है।

बल्लभगढ़ अनाज मंडी के आढ़ती राजेंद्र कुमार ने बताया कि मंडी में अभी गेहूं उठान का काम चल रहा है जैसे ही काम समाप्त होता है उसके बाद किसानों से आढ़तियों का पैसा ले लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक आढ़तियों के हिस्से कुछ भी नहीं आया है।

गौरतलब है कि हरियाणा में फसलों के खरीद सीजन के दौरान बुधवार तक 3,665 करोड रुपए की अदायगी सीधे किसानों के खाते में की जा चुकी है। राज्य में अब तक 396 मंडियों में 68.84 लाख टन गेहूं की आवक हो चुकी है।‌ अगर बात करें फरीदाबाद की तो 20 अप्रैल तक बल्लभगढ में सरकारी एजेंसियों द्वारा सरसों 4650 रुपये प्रति किंवटल गेहूं की 1975 रुपये प्रति किंवटल की दर से खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य/एमएसपी पर की जा रही है। जबकि सरसों प्राइवेट व्यापरियों द्वारा एमएसपी से अधिक लगभग सात हजार रुपये से अधिक प्रति किवंटल दामों पर खरीदी जा रही है।

किसानों के खातों में पहुंच गई राशि, आढती के हाथ रह गए खाली

तिगांव में 1 लाख 38 हजार 732 किंवटल गेहूं की सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीद की गई। जबकि 28 हजार 743 किंवटल गेहूं का उठान किया गया है। मोहना मंडी में 5 लाख 74 हजार 603 किंवटल गेहूं का सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीद की गई। जबकि 1 लाख 23 हजार किंवटल गेहूं का उठान किया गया है।

फतेहपुर बिलौच में 76 हजार 991 किंवटल गेहूं सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदी गई जबकि 10 हजार 556 किंवटल गेहूं का उठान भी किया गया है। ओल्ड फरीदाबाद अनाज मंडी में 38 हजार 935 किंवटल गेहूं खरीदी गई जबकि सरकारी एजेंसियों द्वारा 28 हजार 735 किंवटल गेहूं का उठान भी किया गया है।