एक तरह जहां पूरे देश में कोरोना महामारी के काल ने तबाही मचाई हुई है ऐसे में कुछ प्राइवेट स्कूल अब भी अपनी मनमानी करने में लगे है। केंद्र और राज्य सरकारें परीक्षाएं और कक्षाओं को रद्द कर स्टूडेंट्स को कोविड से बचाने का प्रयास कर रही है वहीं ऐसे समय में कुछ स्कूल एस्ट्रा चार्ज के नाम पर अभिभावकों और स्टूडेंट्स के साथ नाइंसाफी कर रहे है।
हाल ही में एक ताजा मामला सामने आया है जिसमे नामी स्कूल की भारी असंवेदनशीलता सामने आयी है। बताया जा रहा है कि फरीदाबाद के होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल, सेक्टर 29 ने मनमाने तरीके से एक्स्ट्रा चार्ज के नाम पर 10 प्रतिशत फीस वृद्धि की है।
जहां महामारी के दौर में बहुत से अभिभावक आर्थिक तंगी के चलते मुश्किल से बच्चों की फीस का इंतजाम कर पा रहे है ऐसे में स्कूल का रवैया बेहद निंदनीय है।
जानकारी के मुताबिक़ कई पेरेंट्स ने इस फीस वृद्धि के खिलाफ स्कूल के सामने धरना दिया है। पेरेंट्स बड़ी हुई फीस और एस्ट्रा चार्ज को लेकर वह परेशान है और जब उन्होंने स्कूल प्रशासन से बात करने के लिए स्कूल में अंदर जाने की कोशिश की तो उन्हें अंदर प्रवेश ही नहीं करने दिया गया।
स्कूल के गेट मैन ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जिसके कारण मजबूरन अभिभावकों को स्कूल के गेट पर ही धरना पर बैठना पड़ा। बीते साल न्यायालयों और राज्य सरकारों की तरफ से आदेश जारी कर फीस वृद्धि करने पर रोक लगायी गयी थी , जिससे अभिभावकों की जेब पर दबाव न पड़े। फीस बढ़ाने के सवाल पर होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल द्वारा दी गई जानकारी में पता चला है कि स्कूल मैं गवर्नमेंट की तरफ से कोई कोई भी इंफॉर्मेशन नहीं है।
साथ ही स्कूल का कहना है कि राज्य सरकार ने फीस वृद्धि रोकने से जुड़ा कोई आदेश अभी तक नहीं दिया, ऐसे में स्कूल प्रशासन द्वारा ये कदम जायज बताया जा रहा है।
सवाल यही उठता है कि क्या स्कूल प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती कि इस मुश्किल दौर में अभिभावकों की परेशानी समझे और इस तरह की मनमानी न करें।