नगर निगम के अंतर्गत कई घोटाले होते रहते हैं और घोटालों की जांच की फाइलें दबकर रह जाती है। जिले में मीटर पिलर बॉक्स लगाने के नाम पर करीब 130 करोड रुपए के घोटाले की फाइल की जांच भी दब कर रह गई है।
दरअसल, वर्ष 2014 में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की तरफ से उपभोक्ताओं के घरों के बाहर लगाए गए मीटर बाहर खंभों पर लगाए जाने की योजना बनाई गई थी।
अधिकारियों का मानना था कि अगर खंभों पर मीटर लगा दिए जाएंगे तो बिजली की चोरी नहीं होगी। इस योजना के तहत अधिकारियों ने करीब 130 करोड रुपए सरकार से पास करवाए थे परंतु आज तक भी लोगों के मीटर खंभों पर नहीं लगाए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार सर्कल में कार्यरत अधिकारियों ने ठेकेदारों की मिलीभगत से पैसा तो निकलवा लिया परंतु काम नहीं किया।
एनआईटी विधायक नीरज शर्मा ने फरवरी 2021 में अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता के सामने जांच का मुद्दा उठाया था। आरोप है कि इस पूरे मामले में 130 करोड रुपए का गबन किया गया है वही घोटाले में 57 अधिकारी संलिप्त है जिसमें 19 एसडीओ और 23 जेई शामिल है इनमें से कुछ आज भी फरीदाबाद में कार्यरत हैं।
हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर यूनियन के सर्कल सचिव संतराम लांबा ने बताया कि रेवाड़ी से ट्रांसफर होकर बल्लभगढ़ डिवीजन में एक्सईएन, मथुरा रोड सबडिवीजन में जेई, सब अर्बन इंडस्ट्रियल एरिया सेक्टर 58 में जेई, खेड़ी कला सब डिवीजन में कार्यरत जेई पद पर कार्यरत जो इस मीटर घोटाले में शामिल है।
गौरतलब है कि नगर निगम के अंतर्गत कई घोटाले सामने आए हैं परंतु इन घोटालों की जांच के नाम पर कुछ नहीं हो पाता है। जांच के लिए कमेटियों का गठन तो कर दिया जाता है परंतु समय के साथ साथ जांच भी ठंडे बस्ते में चली जाती है।
ऐसे बहुत से मामले हैं जिनकी जांच आज तक भी नहीं हो पाई है ऐसे में यह सोचने का विषय है कि इस मामले की जांच कब तक समाप्त होती है और कब तक भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी।