इकोग्रीन कंपनी के कर्मचारियों की लापरवाही इन दिनों आम जनता पर भारी पड़ सकती है। इकोग्रीन के कर्मचारी कूड़ा उठाते समय ना तो दस्ताने का उपयोग कर रहे हैं और ना ही मास्क का वही महामारी से ग्रसित मरीजों का कूड़ा भी सामान्य कचरे के साथ मिक्स कर रहे हैं।
दरअसल, नगर निगम ने शहर भर से एकत्रित करने का जिम्मा इको ग्रीन कंपनी को दिया हुआ है। कंपनी शहर बरसे कचरा एकत्रित करती है और उसका निपटारा करती है परंतु इकोग्रीन की कार्यशैली हमेशा से ही संदेहास्पद रही है।
नियमानुसार महामारी से संक्रमित मरीजों का कचरा तथा सामान्य कचरा मिक्स नहीं होना चाहिए परंतु लापरवाही की वजह से यह कचरा मिक्स हो रहा है वही कर्मचारी भी गाइडलाइंस को हल्के में ले रहे हैं और महामारी से संबंधित नियमों की अनुपालन नहीं कर रहे।
जानकारी के मुताबिक सेक्टर के लोग कुछ हद तक महामारी से ग्रसित मरीजों तथा सामान्य कचरे को अलग-अलग करके दे रहे हैं परंतु कॉलोनियों में ऐसा देखने को नहीं मिल रहा।
संजय कॉलोनी के एक निवासी ने महामारी से ग्रसित मरीज का कचरा तथा सामान्य कचरे को मिक्स करके दे दिया वही कर्मचारी ने मास्क भी ठीक से नहीं लगाया हुआ था। जब इस विषय में कर्मचारी से पूछा गया तो उसने कहा कि कहां है महामारी, कचरे को मिक्स करने से कुछ नहीं होता। इकोग्रीन की यह लापरवाही लोगों पर भारी पड़ सकती है।
इस विषय में नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में अपनी अनभिज्ञता जाहिर की और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया।
कचरे के निपटारे के लिए नहीं है कोई पैमाना
इन दिनों जिले में महामारी अपने चरम पर है ऐसे में भारी मात्रा में संक्रमित मरीजों का कचरा इकट्ठा हो रहा है परंतु इको ग्रीन कंपनी के द्वारा निपटारे के लिए किसी भी विशेष प्रकार का कोई पैमाना तय नहीं किया गया है।
यदि कोई नागरिक अपनी जागरूकता से अलग-अलग कचरा देता है तो ठीक है लेकिन इकोग्रीन के तरफ से इस विषय में कुछ भी नहीं किया गया है।