महामारी के दौर में इस बीमारी के मरीजों को सबसे ज्यादा होता है खतरा

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महामारी वैसे तो सभी को हो जाती है। लेकिन इस बीमारी के मरीजों का सबसे ज्यादा खतरा होता है। क्योंकि उनकी इम्युनिटी पावर काफी कम होती है और वह महामारी की चपेट में आ जाते हैं।

जिसकी वजह से परिवार में रहने वाले लोग भी काफी परेशानी का सामना करता है। उस बीमारी के साथ-साथ महामारी की दवाइयां लेना अनिवार्य होता है। अगर वह समय पर दोनों बीमारी की दवाई नहीं लेते हैं। तो उनको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

महामारी के दौर में इस बीमारी के मरीजों को सबसे ज्यादा होता है खतरा

जिसे की उनकी मृत्यु भी हो जाएगी। हम बात कर रहे हैं टीवी की यानी ट्यूबरक्लोसिस। ट्यूबरक्लोसिस एक ऐसी बीमारी है जो हवा से फैलती है। अगर कोई मरीज समय पर टीवी का इलाज नहीं करवाता है तो उसको काफी परेशानी हो सकती है और उसकी मृत्यु भी हो सकती है।

डिप्टी सीएमओ डॉ शीला भगत ने बताया कि महामारी के दौर में सबसे ज्यादा परेशानी टीवी के मरीजों को होती है। क्योंकि महामारी उनको आसानी से अपनी चपेट में ले लेती है। जिसकी वजह से उनको काफी कमजोरी महसूस होती है और वह कई बार दवाइयों का कोर्स भी अधर में छोड़ देते हैं।

महामारी के दौर में इस बीमारी के मरीजों को सबसे ज्यादा होता है खतरा

उन्होंने बताया कि टीवी के मरीज को एक महीने की दवाइयां दी जाती है। अगर उसके बाद भी महामारी की चपेट में आता है और  दवाई लेने के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं आ सकता है। तो आशा वर्कर उसके घर पर जाकर उनको दवाइयां मुहैया कराती है।

टी बी के मरीजों को फोन करके भी उनका हालचाल पूछा जाता है। उन्होंने बताया कि 600 के करीब टीवी के मरीज है।जिसमें से 20 से 25 तक मरीज़ महामारी की चपेट में आ चुके हैं। उनको सभी प्रकार की दवाइयां उनके घर पर ही मुहिया कराई जा रही हैं।

महामारी के दौर में इस बीमारी के मरीजों को सबसे ज्यादा होता है खतरा

उनको जागरुक भी किया जा रहा है कि घर पर रहा कर अपनी देखभाल कैसे कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि टीबी के मरीजों को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। इसीलिए सरकार के द्वारा उनको हर महीने ₹500 दिए जाता है। ताकि वह अच्छी खुराक रख सके और जल्दी रिकवर कर सके। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी मरीजों को समय पर पैसे दिए जाते हैं।