गिलोय तथा नीम को सबसे बेहतर इम्यून बूस्टर माना जाता है। महामारी के समय में भी गिलोय तथा नीम लोगों के लिए संजीवनी बूटी बनकर उभर रहा है वही इस आयुर्वेदिक बूटी की मांग भी काफी बढ़ रही है। यदि आप गिलोय तथा नीम को प्राप्त करना चाह रहे है तो चंदावली के जसवंत पवार घर-घर जाकर लोगों को गिलोय तथा नीम पहुंचा रहे हैं।
युवा जसवंत पंवार ने बताया कि सबके साथ से ही महामारी को हराया जा सकता है। यदि हम लोगों की मदद के लिए एक छोटी सी पहल भी करना चाहते हैं तो कोशिश अवश्य करनी चाहिए। गिलोय तथा नीम दो आयुर्वेदिक बूटी है जो इम्यून बूस्टर के रूप में काम करती है।
उन्होंने बताया कि घर के आंगन में गिलोय तथा नीम लगी हुई है। इस पहल को कुछ दिन पहले ही शुरू किया गया है। जिले भर से नीम गिलोय के लिए लोगों के फोन आ रहे हैं। प्रतिदिन 30 से 40 फोन आ रहे है। लोगों को फेसबुक तथा अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से इस विषय में अवगत किया जा रहा है।
युवा जसवंत पंवार ने बताया कि कुछ दिनों पहले कई पहचान के लोग महामारी से संक्रमित हो गए जिससे मन बहुत दुखी हुआ। संकट के इस समय में लोगों की मदद करने के लिए इसकी शुरुआत की गई है।
गौरतलब है कि गिलोय बुखार के लिए रामबाण है। यह इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में भी काम करता है। इसलिए इसके आयुर्वेदिक गुण के लिए इसे जीवन्तिका भी कहा जाता है।
आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई बीमारियों के लिए किया जाता है। बरसात के मौसम में होने वाली वायरल बीमारियों मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया में गिलोय का सेवन किया जाता है। मच्छर से होने वाली बीमारियों में यह काफी फायदेमंद है।