मंडियों में खुले में ही बिखरा हुआ है किसानों का अनाज, प्रशासन ने नहीं की है बारदाने की व्यवस्था

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जिले की अनाज मंडियों में खरीद के 20 दिन बीत जाने के बावजूद भी अभी तक बारदाने की उचित व्यवस्था नहीं की गई है जिससे किसानों का अनाज मंडियों में खुले में बिखरा हुआ है।


दरअसल, मंडियों में अनाज बिक्री के लिए सरकारी एजेंसियों के द्वारा बारदाने की व्यवस्था की जाती है। अभी तक सरकारी एजेंसी द्वारा दो से तीन बार ही अनाज मंडियों में बारदाना भेजा गया है।

मंडियों में खुले में ही बिखरा हुआ है किसानों का अनाज, प्रशासन ने नहीं की है बारदाने की व्यवस्था

बारदाना ना आने की वजह से किसानों का अनाज मंडियों में खुले में बिखरा हुआ है हालांकि गेहूं उठान का काम मंडियों में सुचारू रूप से चल रहा है।

बल्लबगढ़ अनाज मंडी के प्रधान सुनील भारद्वाज ने बताया कि अनाज मंडियों में बारदाने की उचित व्यवस्था नहीं की गई है। अभी तक भी प्रशासन ने आवश्यकतानुसार बारदाना मंडियों में नहीं भेजा है जिससे किसानों का अनाज खुले में ही बिखरा पड़ा रहता है।

मंडियों में अनाज खुले रहने से व्यवस्था भी चरमराई हुई है। खुले में अनाज पड़ा रहने से मंडी में आने जाने का रास्ता ब्लॉक रहता है और पार्किंग में भी दिक्कत होती है। प्रशासन को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

मंडियों में खुले में ही बिखरा हुआ है किसानों का अनाज, प्रशासन ने नहीं की है बारदाने की व्यवस्था

किसानों के लिए नहीं है मंडियां बंद
महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच जिला प्रशासन ने तमाम बड़ी मंडियों को आमजन तथा फुटकर व्यापारियों के लिए बंद कर दिया है। केवल आढ़ती व एजेंट मंडियों में आ सकते हैं और अपना काम कर सकते हैं। ‌ आढ़ती व एजेंट सुबह 5 बजे से 11 बजे तक ही मंडियों में अपना काम कर सकते हैं वही किसानों के लिए मंडियों को बंद नहीं किया गया।

किसान अपनी फसल मंडियों में ला सकते हैं। आढ़ती प्रधान सुनील भारद्वाज ने बताया कि सरकार ने 15 मई तक गेहूं आवक सुनिश्चित किया है परंतु अंदाजा है कि बल्लभगढ़ मंडी में तीन-चार दिन में ही गेहूं की आवक समाप्त हो जाएगी।