HomeFaridabadमहामारी से लड़ने के लिए की गई रिसर्च का क्लीनिकल ट्रायल हुआ...

महामारी से लड़ने के लिए की गई रिसर्च का क्लीनिकल ट्रायल हुआ सफल

Published on

महामारी से बचने के लिए जहां एक और वैक्सीन कारगर साबित हो रही है। वहीं दूसरी और ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महामारी पर नीम के प्रभाव को जानने के लिए एक क्लिनिकल ट्रायल किया गया। जोकि सफल रहा।

क्लिनिकल ट्रायल की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया गया कि नीम की गोली महामारी की रोकथाम में कारगर साबित हो सकती है। इस ट्रायल में ईएसआई मेडिकल कॉलेज व अस्पताल ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद और निसरगा बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड ने संयुक्त रूप से कार्य किया है।

महामारी से लड़ने के लिए की गई रिसर्च का क्लीनिकल ट्रायल हुआ सफल

ईएसआई अस्पताल मेडिकल कॉलेज के रजिस्ट्रार डॉ एके पांडे ने बताया कि नीम की गोली पूरी तरह से सुरक्षित है और इससे जान को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। यह गोली महामारी संक्रमण के खतरे को 55% तक कम करने में उपयोगी रहेगी।

उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति इस गोली का 28 दिनों तक सुबह व शाम दो बार सेवन करता है। तो वह महामारी रोधक प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है। यह वैक्सीन का दूसरा रूप है। इस रिसर्च में यह भी पाया गया है कि अगर कोई व्यक्ति गोली का सेवन करने के दौरान महामारी से संक्रमित हो भी जाता है।

महामारी से लड़ने के लिए की गई रिसर्च का क्लीनिकल ट्रायल हुआ सफल

तो यह मामूली वायरस जितना ही असर करेगा। इस उपाय के जरिए लाखों लोगों की जान आसानी से बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि यह रिचार्ज 190 लोगों पर की गई। जिसमें स्वास्थ्य कर्मी के साथ साथ उन से जुड़े लोग शामिल थे। उनकी उम्र 18 साल से लेकर 60 साल की थी।

उन्होंने सुबह व शाम 28 दिनों तक 50 एमजी की नीम की गोली का सेवन किया देश में यह पहली रिसर्च है। जिसे अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जनरल अलरनेटिव थेरेपी इन हेल्थ एंड मेडिकल में जगह मिली है। इस रिसर्च में यह भी सामने आया है कि यह गोली महामारी के लिए ही नहीं बल्कि अन्य लाभ भी देती है।

महामारी से लड़ने के लिए की गई रिसर्च का क्लीनिकल ट्रायल हुआ सफल

जैसे कि नीम की गोली, मोटापा, मधुमेह से परेशान लोगों को और कैस्ट्रॉल के मरीजों के लिए भी काफी लाभदायक है। इस रिसर्च में जिन 190 लोगों ने भाग लिया था। उसमें से 25 लोगों का वजन कम करने में भी कारगर साबित हुई है। डॉ एके पांडे ने बताया कि वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवाने के 14 दिन के बाद एंटीबॉडीज बनती है।

महामारी से लड़ने के लिए की गई रिसर्च का क्लीनिकल ट्रायल हुआ सफल

वही अगर कोई एंटीबॉडीज बनने तक नियमित रूप से नीम की गोली का प्रयोग करना चाहिए। इस रिसर्च में निसरगा बायोटेक लिमिटेड के संस्थापक निरीश सोमान, ईएसआइसी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के रजिस्ट्रार डा. एके पांडेय और आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ आर्युवेद की डा. तनुजा निसारी शामिल थे।

उन्होंने बताया कि जल्दी आयुष्मान मंत्रालय भारत सरकार एवं हरियाणा सरकार को पत्र लिखा जाएगा और नीम की गोली को जल्द से जल्द लोगों को उपलब्ध कराने के बारे में आग्रह भी किया जाएगा। ताकि लोगों को गंभीर संक्रमण से बचाया जा सके।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...