बिहार का रहने वाला एक नौजवान जिसका नाम सलमान है और जिसने अपनी ज़िन्दगी में आज तक किसी को नहीं आने दिया।लॉक डाउन की वजह से सलमान अपने परिवार के साथ 18 मई को दिल्ली से बिहार के लिए रवाना हुआ। हरियाणा के पलवल और बल्लबगढ़ के बीच थकान होने पर परिवार एक जगह रुक गया। इसी दौरान सलमान के पिता के एक दोस्त मिल गए, जो अपने गांव बिहार ही जा रहे थे। वह भी परिवार के साथ थे, जिसमें 12वीं पास शहनाज भी शामिल थी।
दोनों परिवार साथ ही बिहार के लिए निकल पड़े। बस फिर इसी बीच दोनों परिवारों ने साथ खाना खाया और साथ ही जगह जगह आराम करने के लिए रुकते। सलमान और शहनाज के बीच खाने का अंदाज मिलता-जुलता दिखा। धीरे धीरे उनमें नजदीकियां बढ़ती नज़र आने लगी।
ताजमहल देखने के बहाने क्या पता चला ?
इसके बाद दोनों परिवार आगरा पहुंचे। यहां शहनाज और सलमान के बीच बातचीत भी बढ़ गई। शहनाज ने सलमान से पूछा कि ये कौन सा शहर है। इस पर सलमान ने जवाब दिया कि यह ताजमहल का शहर है। इसके बाद शहनाज ने कहा कि क्या आप मुझे ताजमहल दिखाएंगे। इस पर सलमान को एहसास हुआ कि दोनों एक जैसा ही सोच रहे हैं। दोनों के दिल तो मिलने वाले थे है साथ ही साथ दिमागी खयाल भी मिलने शुरू हो गए थे ।
दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी सलमान ने प्यार का इजहार किया , शहनाज़ ने झट से हां कर दी । कुछ दूर चल के परिवार वालों को दोनों पर शक हुआ, दोनों परिवार के बीच काफी लंबी बातचीत भी होने लगी। दोनों परिवार वालों में काफी गुस्सा था। लेकिन, प्रेमियों की जिद्द के आगे परिवार वाले राजी हो गए और गांव पहुंच कर, शाम को निकाह भी करा दिया गया। निकाह गांव में हुआ तो गांववालों ने कुछ कपड़े और पैसे भी दिए और कहा कि ये हमारे गांव की बेटी है।
दिल्ली में टाइपिंग का काम करता है सलमान ।
बता दें कि सलमान ओखला में अपने परिवार के साथ रहता है और एक दुकान पर उर्दू टाइपिंग का काम करता है। लॉकडाउन में काम ठप हो गया। इसलिए बिहार लौटकर आना पढ़ा ।
भले ही लॉक डाउन की वजह से कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा होगा लेकिन सलमान और शहनाज़ के लिए ये एक इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाली कहानी बन गई ,जहां किस्मत ने कोरोना काल में जीवन साथी से मिला दिया ।