मिशन जागृति मां- बेटी के लिए बनकर आई मसीहा, इस काम को करने में की मदद

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जिले की समाजसेवी संस्थाएं संक्रमण के बीच लोगों के लिए मसीहा बनकर उभर रही है। समाजसेवी संस्थाएं लोगों की हर संभव मदद कर रही है ऐसी ही एक मदद मिशन जागृति संस्था ने की। मिशन जागृति ने बीके अस्पताल की मोर्चरी में रखें शव का बेटे की सहायता से अंतिम संस्कार करवाया।


दरअसल, महामारी से पीड़ित एक व्यक्ति की मौत हो गई जिसके बाद पत्नी और बिटिया पूरी तरीके से असहाय हो गए। रिश्तेदारों तथा अन्य लोगों से मदद मांगने के बावजूद भी कोई उनकी मदद करने के लिए सामने नहीं आया ऐसे में मिशन जागृति के संस्थापक प्रवेश मलिक को इस विषय में जानकारी मिली।

मिशन जागृति मां- बेटी के लिए बनकर आई मसीहा, इस काम को करने में की मदद

प्रवेश मलिक को इस विषय की जानकारी रात 11 बजे मिली। तड़के उठते ही प्रवेश मलिक ने अपने कुछ साथी विकास कश्यप , दिनेश राघव और अशोक भटेजा के साथ मिलकर विधि विधान से व्यक्ति का अंतिम संस्कार करवाया। व्यक्ति को मुखाग्नि बिटिया ने दी ‌। संस्था के संस्थापक तथा संरक्षक कविंदर चौधरी की इसमें अहम भूमिका रही।


विकास कश्यप और दिनेश राघव ने बताया कि महामारी के समय लोगों को एक दूसरे की मदद की जरूरत है। एक दूसरे की मदद से ही इस महामारी को हराया जा सकता है। ऐसे में सभी को सहयोग के हाथ आगे बढ़ाने चाहिए तथा लोगों की मदद करनी चाहिए।

मिशन जागृति मां- बेटी के लिए बनकर आई मसीहा, इस काम को करने में की मदद

संरक्षक कविंद्र चौधरी ने बताया कि इस महामारी के दौर में समाजसेवी संस्थाओं का अहम योगदान है। मिशन जागृति हमेशा से ही जन सेवा में आगे रही है वही आज भी मिशन जागृति ने एक मिसाल कायम की है।


जिला महासचिव विकास कश्यप ने बताया कि मिशन जागृति के संस्थापक प्रवेश मलिक के दिशा निर्देश पर पिछली बार भी लॉकडाउन स्थिति में टीम ने बहुत सेवा की थी और इस बार भी मिशन जागृति की पूरी टीम हर वक्त लोगों की सेवा करने के लिए तत्पर है।