जिले में कितने दिनों में महामारी के मामले हो रहे हैं दोगुने, आज आए महामारी के इतने नए मरीज

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जिले में महामारी का संक्रमण लगातार जारी है। जिले में आज 1560 नए मरीज़ पाए गए और 1079 मरीज़ो को स्वस्थ घोषित किया गया। स्वस्थ होने की दर 82.06% हो गयी है। बीते 24 घंटों में 07 मरीजों की मृत्यु भी हुई है। जिले में 43.5 महामारी के मामले दोगुने हो रहे हैं।


उप सिविल सर्जन एवं जिला नोडल अधिकारी-कोरोना डा. रामभगत ने बताया कि जिला में अब तक 407134 यात्रियों को सर्विलांस पर लिया जा चुका है, जिनमें से 345530 लोगों का निगरानी में रखने का 28 दिन का पीरियड पूरा हो चुका है।

जिले में कितने दिनों में महामारी के मामले हो रहे हैं दोगुने, आज आए महामारी के इतने नए मरीज

शेष 61604 लोग अंडर सर्विलांस हैं। कुल सर्विलांस में रखे गए लोगों में से 71334 होम आइसोलेशन पर हैं। अब तक 665068 लोगों के सैंपल लैब में भेजे गए थे, जिनमें से 590465 की नेगेटिव रिपोर्ट मिली है तथा 3269 की रिपोर्ट आनी शेष है।

अब तक 71334 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं, जिनमें से 1720 लोगों को अस्पताल में दाखिल किया गया है तथा ठीक होने के बाद 58941 को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है। जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या वीरवार तक 11890 बनी हुई है।

उन्होंने बताया कि सभी मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ को कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसी प्रकार पर्यावरण स्वच्छता और शुद्धीकरण के बारे में सरकारी व निजी विभागों के कर्मचारियों को दैनिक आधार पर प्रशिक्षण दिया जा रहे हैं।

जिले में कितने दिनों में महामारी के मामले हो रहे हैं दोगुने, आज आए महामारी के इतने नए मरीज

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण की पृष्ठभूमि को देखते हुए आम जनता को सरकार द्वारा स्वास्थ्य संबंधी हिदायतों की अनुपालना करने की सलाह दी जाती है। लोगो को ध्यान रखना चाहिए कि खाँसी व छींकते समय रूमाल या तौलिया का उपयोग अवश्य करें, हाथों को बार-बार साबुन व पानी से धोते रहें।


जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें। सार्वजनिक स्थलों व सभाओं में जाने से बचें। जिन लोगों ने हाल ही में कोरोना प्रभावित देशों की यात्रा की है, उन्हें राष्ट्रीय, राज्य या जिला हेल्पलाइन नंबरों पर सूचना देनी चाहिए, उन्हें भारत में आगमन की तारीख से 28 दिनों के लिए सभी से अलग रहना है और किसी से भी स्पर्श करने से बचना है, भले ही उसमें कोई लक्षण न हों।