महामारी के बीच शहर के निजी स्कूल संचालक अभिभावकों व विद्यार्थियों को किताब कॉपी और ड्रेस देने के बहाने से स्कूल बुला रहे हैं, जिस पर संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी ने निजी स्कूल संचालकों को विद्यार्थियों व अभिभावकों को किसी भी कार्य के लिए स्कूल ना बुलाने के आदेश जारी किए हैं।
दरअसल, शिक्षा निदेशालय ने महामारी के चलते सरकारी व निजी स्कूलों में 22 अप्रैल से 31 मई तक ग्रीष्मकालीन छुट्टियां कर दी हैं। इसके बावजूद जिले में निजी स्कूल संचालक लगातार अभिभावकों को बहाने से स्कूल बुलाकर फीस भुगतान व तरह-तरह के भुगतान का दबाव बना रहे हैं।
इसकी शिकायत लगातार शिक्षा विभाग को मिल रही हैं। शिकायतों में अभिभावक को किताब-कॉपी, ड्रेस लेने, ऑनलाइन कक्षा लगवाने के बहाने बुलवा कर बकाया फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं।
ऐसे में शिक्षा अधिकारी ने मामले पर संज्ञान लेते हुए सख्ती के आदेश जारी किए हैं। नियमों का कड़े रूप से लागू करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने बल्लभगढ़ व फरीदाबाद खंड शिक्षा अधिकारी मनोज मित्तल को भी निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र में निजी स्कूलों पर नजर रखें।
अगर स्कूल संचालक सरकार के आदेशों की पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाए। इसके साथ ही स्कूल संचालक के खिलाफ नियमों की अवहेलना के लिए कार्रवाई की जाए।
ज्ञात रहे कि महामारी के चलते लगे प्रदेश सरकार ने सभी राजकीय व निजी स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए थे जिसके बाद जिले के तमाम निजी स्कूलों में सरकार के इस फैसले के खिलाफ रोष व्याप्त है।
निजी स्कूलों ने सरकार के इस फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की तथा शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री के नाम जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा। निजी स्कूल संचालकों का कहना था कि सरकार को निजी स्कूलों पर ध्यान देने की जरूरत है तथा स्कूलों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार निजी स्कूलों को फंड उपलब्ध करवाएं।