इस समय हरियाणा समेत देश के सभी राज्यों में महामारी ने अपनी पकड़ काफी मजबूत बना ली है। हर दिन मामलों में इज़ाफ़ा हो रहा है। महामारी से हाहाकार मचा हुआ है। बढ़ते मामलों व प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का उचित लाभ न मिलने पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय गृह सचिव व स्वास्थ्य सचिव को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब भी तलब किया है।
प्रदेश में महामारी से इस समय त्राहिमाम मचा है। हर जिले में स्थिति संतोषजनक नहीं है। विकराल रूप धारण कर चुकी महामारी सभी को सताने लगी है। इसी बात पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कहा है कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में बढ़ते संक्रमण के चलते हालत बेहद खराब हो चुके हैं, ऐसे में सरकारों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
महामारी ने सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी तबाही मचा रखी है। कोर्ट ने कहा है जो लोग ऐसे हालात में रेमडेसिविर और टोकीलीजुमैब दवाइयों और ऑक्सीजन का भंडारण कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। महामारी के मौजूदा हालात पर पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को चार मई को स्टेटस रिपोर्ट भी दायर किए जाने के आदेश दिए हैं।
प्रदेश में महामारी बुज़ुर्ग हो या युवा सभी इसकी चपेट में आ रहे हैं। स्थिति हाथों से बहार निकलती जा रही है। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी पक्ष बनाते हुए कहा लोगों को दवाइयां, ऑक्सीजन आदि उपलब्ध करवाना केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है। जब से महामारी ने दस्तक दी है जनता हर कोई बीमारी भुला चुकी है।
मंज़र काफी खतरनाक हो चले हैं। इस समय महामारी की दूसरी लहर ने सबकुछ थमा दिया है। माहमारी से मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। स्थिति हाथों से बहार निकलती जा रही है।