महामारी के बढ़ते मामलों के बीच प्रशासन ने भी अब अपने हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं। इसका ताजा उदाहरण ईएसआई अस्पताल से देखने को मिला जहां आईसीयू बेड तथा ऑक्सीजन ना होने के कारण अस्पताल प्रशासन ने गेट क्षमा याचना कर अपने मरीजों को कहीं और ले जाने की बात कही वही अब प्रशासन ने दवाइयों तथा रेमडेसीविर इंजेक्शन को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं।
दरअसल इन दिनों अस्पतालों में मरीज के तीमारदार काफी परेशान हो रहे हैं। परेशान होने की वजह प्रशासन है। प्रशासन ने दवाइयों तथा अन्य व्यवस्थाओं को लेकर तैयारियां नहीं की है और अब अस्पताल प्रशासन यह कहकर तीमारदारों को वापस भेज देते हैं कि इंजेक्शन लेकर आओ तभी इलाज हो पाएगा।
शहर के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार बीके अस्पताल में भी यही हालात देखने को मिले। तीमारदार शहर के अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन तथा दवाइयों के लेकर परेशान घूमते नजर आए।
एक मरीज के तीमारदार ने बताया कि उनके मरीज की हालत काफी खराब है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में इंजेक्शन लाने के लिए कहा है इंजेक्शन पूरे फरीदाबाद में नहीं मिल पा रहा, काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि प्रशासन ने मरीजों तक दवाई पहुंचाने का जिम्मा अपने अंदर ले लिया है। निर्देशानुसार अब मरीजों को दवाई उनके घर तक पहुंचाई जाएगी परंतु यह दावा भी खोखला नजर आ रहा है।
मरीज के तीमारदार ऑक्सीजन को लेकर लंबी-लंबी लाइनों में खड़े नजर आ रहे हैं उसके बाद भी लोगों को सिलेंडर नहीं मिल पा रहा है ऐसे में यह सोचने का विषय है कि इस लचर व्यवस्था के साथ फरीदाबाद महामारी पर कैसे विजय प्राप्त कर पाएगा।