हरियाणा में संक्रमित मरीज़ों का डाटा हो रहा मिस मैच, इस कारण ऑक्सीजन की सप्लाई में आ रही ये बड़ी परेशानी

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प्रदेश में इस समय महामारी अपना भयावह रूप धारण कर चुकी है। हर जगह स्थिति काफी चिंताजनक बनी हुई है। ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल जूझ रहे हैं। राज्य में कोटा लगातार बढ़ने के बावजूद ऑक्सीजन को लेकर मारामारी है। बुरी तरह गड़बड़ाई ऑक्सीजन की आपूर्ति का सबसे बड़ा कारण पोर्टल पर मरीजों का आंकड़ा पूरी तरह मिस मैच होना है।

हरियाणा समेत देश के सभी राज्यों में महामारी ने अपनी पकड़ काफी मजबूत बना ली है। कुरुक्षेत्र सहित कई जिलों में निजी अस्पतालों में दाखिल मरीजों तथा पोर्टल पर पंजीकृतों का डाटा मेल नहीं खा रहा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी मामला संज्ञान में आने पर उपायुक्तों से लेकर सिविल सर्जनों व ऑक्सीजन निगरानी कमेटी के अधिकारियों को लताड़ लगाई है।

हरियाणा में संक्रमित मरीज़ों का डाटा हो रहा मिस मैच, इस कारण ऑक्सीजन की सप्लाई में आ रही ये बड़ी परेशानी

प्रदेश में महामारी से इस समय त्राहिमाम मचा है। हर जिले में स्थिति संतोषजनक नहीं है। सूबे में एक्टिव महामारी केसों की संख्या एक लाख को पार कर चुकी है। इनमें से 1400 मरीज ऐसे हैं, जिनकी सांसें ऑक्सीजन के सहारे चल रही हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कुल 13 हजार 100 ऑक्सीजन बेड हैं, जिनमें से 2800 से ज्यादा खाली हैं। इसके साथ ही आइसीयू व वेंटिलेटर बेड 1399 हैं, जिनमें से 499 खाली हैं। मगर पोर्टल पर ऑक्सीजन बेडों का पंजीकरण मरीजों की संख्या के हिसाब से नहीं है।

हरियाणा में संक्रमित मरीज़ों का डाटा हो रहा मिस मैच, इस कारण ऑक्सीजन की सप्लाई में आ रही ये बड़ी परेशानी

विकराल रूप धारण कर चुकी महामारी सभी को सताने लगी है। महामारी ने सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी तबाही मचा रखी है। प्रदेश में सिविल सर्जनों की मिलीभगत के चलते प्राइवेट अस्पताल अंदरखाते ऑक्सीजन बेडों की संख्या बढ़ा रहे हैं, लेकिन उसे पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करवा रहे। इस गड़बड़ी के चलते प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत लगातार बढ़ रही है।

हरियाणा में संक्रमित मरीज़ों का डाटा हो रहा मिस मैच, इस कारण ऑक्सीजन की सप्लाई में आ रही ये बड़ी परेशानी

प्रदेश में महामारी बुज़ुर्ग हो या युवा सभी इसकी चपेट में आ रहे हैं। मंज़र काफी खतरनाक हो चले हैं। इस समय महामारी की दूसरी लहर ने सबकुछ थमा दिया है। माहमारी से मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। स्थिति हाथों से बहार निकलती जा रही है।