महामारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और जिले में इसी महामारी को रोकने के लिए सरकार के द्वारा एक हफ्ते का लॉकडाउन पूर्ण रूप से लगा दिया गया है। लेकिन उसके बावजूद भी कुछ लोग जिले में ऐसे हैं जो बिना किसी कार्य से घर से बाहर निकलते हैं और लॉकडाउन के नियमों की अवहेलना कर रहे हैं।
इसी लॉकडाउन को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए जिले में जगह-जगह पुलिस तैनात है और पुलिस के द्वारा मुस्तैदी से लोगों से सवाल जवाब किए जा रहे हैं कि वह किस कार्य के लिए घर से बाहर निकले हैं।
एनआईटी 12 चौक पर भी पुलिस इसी तरह से अपने कार्य को बड़ी मुस्तैदी से कर रही थी। लेकिन वहां पर कुछ ऐसे ऑटो चालक या फिर यूं कहें लोग बिना किसी महत्वपूर्ण काम के घर से बाहर निकले हुए थे। जिस को रोकने पर पुलिस ने उनसे जब सवाल जवाब किया तो उनके पास कोई पुष्टि भरा जवाब नहीं था।
जिसकी वजह से पुलिस ने उन सभी ऑटो चालक और वाहन चालकों से उठक बैठक करवा कर उनको सजा दी और कहा कि आगे से वह किसी भी महत्वपूर्ण कार्य के बिना घर से बाहर ना निकले। क्योंकि यह जो लॉकडाउन लगाया गया है वह उनकी सुरक्षा और उनको इस महामारी से बचाने के लिए लगाया गया है।
साथ ही उन्होंने लोगों को यह भी कहा है कि अगर किसी को कोई बहुत जरूरी काम है और उसके पास किसी प्रकार का कोई वाहन नहीं है। तो वह ऑटो का इस्तेमाल ना करें। वह किसी अपने परिजन से वाहन लेकर उस कार्य को करें। क्योंकि लॉकडाउन में ऑटो पूर्ण रूप से बंद है।
इसके अलावा जिन भी व्यक्ति को सब्जी लेने के लिए मंडी की ओर जाना होता है। तो वह ऑटो की बजाय कोई प्राइवेट या कोई और अन्य वाहन लेकर ही मंडी में जाए। ऑटो का मंडी में जाना भी बंद है। इसीलिए लोग अपने अपने कार्य को अपने वाहन के जरिए करें।
लॉकडाउन को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए पुलिस के द्वारा ना तो कोई चालान किया जा रहा है और ना ही कोई लठ बजाई जा रही है। बस उनको समझाया जा रहा है और उनसे उठक बैठक करवाई जा रही है। ताकि उनको भी याद रहे कि वह किस गलती की सजा पा रहे हैं।