बल्लभगढ़ के अंतर्गत आने वाले अनाज मंडी में एक निजी मेडिकल स्टोर के संचालक हेमराज बंसल को जब से पता चला है कि वह संक्रमण की गिरफ्त में आ चुके हैं, उन्हें केवल अपने बच्चों की चिंता खाए जा रही है कि उनके बाद उनके बच्चों का क्या होगा।
इस चिंता के चलते उन्होंने अपनी वसीयत को बच्चों के नाम कर दिया है। उनके ऐसा करने के पीछे का उद्देश्य यह है कि वह संक्रमण की ज में है और ना जाने कब मौत उन्हें गले लगा ले इससे पहले ही वह अपनी वसीयत को बच्चों के नाम करने की इच्छा जग जाहिर कर रहे हैं।
हेमराज बंसल का कहना है कि जिस तरह से अस्पतालों में हालात देखने को मिल रहे हैं लोग इलाज के लिए तरस रहे हैं। ऑक्सीजन के अभाव में लोग का दम घुट रहा है, और लोग सांस लेने के लिए तरस रहे हैं।
ऑक्सीजन सिलेंडर कहीं मिल नहीं रहे हैं। इलाज के लिए डॉक्टर हाथ खड़े कर रहे हैं। अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं है, तो आखिर आम इंसान कब तक अपनी जिंदगी इस तरह जी पाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि जिस तरह हालात बने हुए लॉकडाउन भी लगा दिया गया है, ना जाने अब आने वाले भविष्य में उनके बच्चों की किस्मत क्या हो? इसलिए वह पहले ही अपने बच्चों की वसीयत लिख रहे हैं, क्योंकि उनके मन में संक्रमण का डर इस कदर हावी हो चुका है कि कब तक सांसे ले रहे है इसका कोई जवाब नहीं दिया जा सकता हैं।