कालाबाजारी को रोकने के लिए जिला पुलिस द्वारा आरोपियों की लगातार गिरफ्तारियां की जा रही है। पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी पर रोक लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं जिनके तहत कार्रवाई करते हुए थाना बीपीटीपी की टीम ने रेम्डेजिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के जुर्म में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में वीरेंद्र और अतुल का नाम शामिल है जो दोनों पिता-पुत्र हैं। 58 वर्षीय आरोपी वीरेंद्र 29 वर्षीय आरोपी अतुल का पिता है। आरोपी फरीदाबाद के सेक्टर 75 के रहने वाले हैं।
पुलिस को गुप्त सूत्रों की सहायता से सूचना प्राप्त हुई थी कि आरोपी सस्ते दामों में इंजेक्शन लाकर 35 हजार रुपए प्रति इंजेक्शन के हिसाब से इसको बेचने की फिराक में है।
सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दलबीर सिंह ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर संदीप गहलान के साथ मिलकर पुलिस टीम का गठन किया।
आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने ग्राहक बनकर उसे फोन किया और इंजेक्शन की मांग की। आरोपी ने इंजेक्शन के लिए ₹35000 मांगे और इंजेक्शन लेने के लिए पुलिस टीम को सेक्टर 75 स्थित गोल्डन गेट के पास बुलाया।
आरोपी अतुल अपने पिता आरोपी वीरेंद्र सहित स्कूटी पर सवार होकर बताए गए स्थान पर पहुंचा तो पुलिस ने उसे मौके पर रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस टीम के साथ मौजूद ड्रग कंट्रोल ऑफिसर संदीप गहलान ने जब आरोपियों से इंजेक्शन बेचने का लाइसेंस मांगा तो वह कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका जिस पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपियों के कब्जे से रेम्डेजिविर के 5 इंजेक्शन बरामद किए गए।
आरोपियों को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ सरकारी आदेशों की अवहेलना करने, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, दवा मूल्य नियंत्रण आदेशों के तहत थाना बीपीटीपी में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह इंजेक्शन वह गुड़गांव के किसी जानकार से लेकर आए थे और महंगे दामों में बेचकर पैसा कमाना चाहते थे।
पूछताछ पूरी करने के पश्चात दोनों आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है।